“बाल मेला आनंद” का आयोजन: बच्चों की मेहनत और सामूहिक सहभागिता का अद्वितीय उदाहरण
आज शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला केशलीगोड़ान के प्रांगण में शाला प्रबंधन समिति द्वारा “बाल मेला आनंद” का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने बच्चों को न केवल व्यापारिक गतिविधियों का परिचय कराया, बल्कि उन्हें सामूहिकता, श्रम और सहकार्य के महत्व को भी समझाया।
कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चों ने अपने स्वयं के बनाए सामानों का क्रय-विक्रय किया, जिससे उन्हें लाभ-हानि के बारे में गहरी जानकारी मिली। इस दौरान ग्रामवासी, शाला प्रबंध समिति ने मिलकर बच्चों के साथ बातचीत की और उन्हें मूल्य निर्धारण, व्यापारिक निर्णय और बाजार की समझ से अवगत कराया।
शाला के प्रधान पाठक विजय चंदेल जी ने इस संदर्भ में बताया कि, “यह आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने अपने द्वारा बनाए गए सामानों की बिक्री के माध्यम से व्यापार की बारीकियों को समझा और यह भी महसूस किया कि हर कार्य में निरंतरता और मेहनत की आवश्यकता होती है। जब बच्चों का सामान बिकने में कम हुआ, तो हमने मिलकर उनका उत्साह बढ़ाया। यही हमारी शाला का उद्देश्य है – बच्चों में आत्मविश्वास और सहयोग की भावना को जागरूक करना।”
जब कुछ बच्चों के सामान की बिक्री कम हुई, तो शाला के शिक्षकों और प्रधान पाठक श्री चंदेल जी ने बच्चों की निराशा को दूर किया। उन्होंने उन सामानों को खरीदकर बच्चों का उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाया, जिससे बच्चों को यह संदेश मिला कि सच्ची सफलता मेहनत, समर्पण और एक दूसरे की सहायता में है।
यह आयोजन एक उत्कृष्ट उदाहरण था जहां बच्चों को न केवल वाणिज्यिक गतिविधियाँ सिखाई गईं, बल्कि उन्हें यह भी महसूस हुआ कि सामाजिक सहभागिता और सामूहिक प्रयास से ही हर कठिनाई का समाधान संभव है। “बाल मेला आनंद” ने यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षा और सहयोग का मेल बच्चों के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक शिव बंजारे, शेख लतीफ, रामायण प्रसाद ओग्रे, श्रीमती लता चांदसे एवं चांदसे सर का विशेष योगदान रहा।