रिटायरमेंट के बाद भी शिक्षक श्री धुर्वे का अध्यापन.शिक्षा विभाग के लिए अनुपम मिसाल- विप्लव साहू

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खैरागढ़ : शिक्षक का कार्य अपने कार्यकाल में और कार्यालयीन समय में पढ़ाना भर माना जाता है. अमूमन हर जगह यही देखने को मिलता है कि शिक्षक अपना जीवन व्यवहार बहुत संकुचन और सीमित वातावरण में गुजारता है. अपने माथे पर वेतनभोगी शिक्षक का टैग लगाकर रिटायर भी हो जाता है. लेकिन जनपद पंचायत खैरागढ़ के अधीन प्राथमिक शाला विक्रमपुर के शिक्षक अवध राम धुर्वे ने इस प्रचलन को तोड़कर समाज और शिक्षा विभाग के लिए एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है.

जिला पंचायत सभापति विप्लव साहू अपनी शैक्षणिक गतिविधि में विक्रमपुर स्कूल गए, जहां सरपंच प्रतिनिधि  गणेशु वर्मा द्वारा पता चला कि श्री अवध राम धुर्वे जो कि प्राथमिक शाला में शिक्षक थे, 6 महीने पहले ही रिटायर हो गए हैं, वह आज पर्यंत बच्चों को शिक्षण सेवाएं दे रहे हैं. अपने रिटायरमेंट के पश्चात स्कूल में एकमात्र शिक्षक के संघर्ष को देखकर खुद भी बच्चों को पढ़ाते हैं और अपने खर्चे पर एक बेरोजगार युवक को बतौर अतिथि शिक्षक का पेमेंट भी देते हैं.

ऐसे अनुपम और उदाहरण के काबिल शिक्षक  अवध राम धुर्वे रिटायर हुए तो गांव वालों ने बहुत भारी मन के साथ शिक्षक को भावभीनी समारोह आयोजित किये थे. सरपंच प्रतिनिधि और ग्रामीणों के स्मृति चिन्ह को जिला पंचायत सभापति विप्लव साहू ने शिक्षक श्री धुर्वे को भेंट किया. इस अवसर पर ग्रामीण शिक्षकगण छात्र-छात्राएं मौजूद रहे और साथ ही श्री धुर्वे सर से सबने उम्मीद जताई कि जब तक उनकी सेहत ठीक रहेगी वे अध्यापन का कार्य जारी रखेंगे और यूं ही शैक्षणिक सेवा करते रहेंगे.

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