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पंडरिया : विधिक जागरूकता एवं सलाह शीर्षक पर मुनमुना संकुल में निबंध, चित्रकारी व स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

कवर्धा / पंडरिया : विधिक जागरूकता एवं सलाह शीर्षक पर मुनमुना संकुल में निबंध, चित्रकारी व स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत् “पैन इंडिया अवेयरनेस एण्ड आउटरीच” अभियान कबीरधाम अंतर्गत विधिक जारूकता अभियान के निमित्त
कन्ज़ूमर सपोर्ट, चाईल्ड लेबर, गुड टच-बेड टच, ट्रेफिक सिगनल्स, ट्रेफिक रूल्स, राईट टू एजुकेशन जैसे महत्वपूर्ण अवेयरनेस सम्बन्धित विषयों पर संकुल स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्लोगन प्रतियोगिता में हाई स्कूल कामठी से प्रथम कु.लक्ष्मी पटेल,
स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पूर्व माध्यमिक शाला मुनमुना से दीपक कुमार,
चित्रकला में पूर्व माध्यमिक शाला सिंगपुर से कु.भावना मरकाम, निबंध लेखन में पूर्व माध्यमिक शाला कामठी से कु.कविता,प्राथमिक स्तर में चित्रकला में प्राथमिक शाला मुनमुना से कु. आशारानी,निबंध लेखन में प्राथमिक शाला सिंगपुर से कु.रीना को स्मृति चिन्ह ‘कप’ एवं लेखनी देकर पुरस्कृत किया गया। कोरोनाकाल में सबसे अधिक ऑनलाइन एवं मोहल्ला क्लास के नियमित संचालन करने, तथा बैगा-आदिवासी बाहुल ग्राम में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को 5 सितम्बर के शिक्षक दिवस सम्मान समारोह के निमित्त शा.उच्च.मा. विद्या. कामठी से तुलस चंद्राकर (व्याख्याता), मिथलेश महोबिया माठपुर, राजेन्द्र प्रजापति बापा प्राथमिक कामठी, राजर्षि पाण्डेय मा.शा., चंद्रशेखर सोनी प्राथमिक शाला सिंगपुर, सिद्धराम मण्डावी, ममता धुर्वे, गजानंद कश्यप, प्राथमिक शाला मुनमुना,तिजउ राम पन्द्राम प्राथमिक शाला कमराखोल, को प्रशस्ति पत्र, लेखनी, स्मृति चिन्ह (मोमेंटो) से सम्मानित किया गया एवं उपस्थित शिक्षकों को लेखनी भेंट किया गया। इस अवसर पर संकुल प्राचार्य आर.एस. शाण्डिल्य के द्वारा उपस्थित शिक्षक एवं बच्चों को सम्बोधित करते करते हुए कहा कि प्रतिभा तो आप सभी में है पर उद्देश्यों को परिलक्षित कर उकेरने के लिए बच्चों को तराशना ही “प्रतिभा का सम्मान” है, शैक्षिक समन्वयक रघुनंदन गुप्ता ने कहा कि हम सभी डेढ़ वर्ष की इस कोरोना की महामारी के पश्चात पुनः विद्यालय में बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए जुटे हुए हैं। सिंगपुर की भावना मरकाम के बनाये पेंटिंग की सराहना करते कहा कि हमें बालश्रम से कारीगरी में संतुष्ट न होकर शिक्षित एवं कौशलात्मक शिक्षा देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर एम.के.आदित्य (व्याख्याता), यशवंत कुमार कुम्भकार, खड़ानन कश्यप, भुवनेश्वरी मिरे, चैतराम धुर्वे, रतनसिंह धुर्वे, रामभरोस पटेल, प्रणीता भारती, श्रीवरसिंह परस्ते, रतिराम धुर्वे,वेदप्रकाश यादव सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षक चंद्रशेखर सोनी के द्वारा किया गया।

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