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हमारा संविधान” विषय पर शैक्षिक संवाद का हुआ आयोजन

“हमारा संविधान” विषय पर शैक्षिक संवाद का हुआ आयोजन



पण्डरिया- छत्तीसगढ़ में राज्य स्तरीय वेबीनार “हमारा संविधान” विषय पर एक विशेष शैक्षिक संवाद आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय संविधान की विशेषताओं और उसके महत्व पर गहन चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में संविधान की विविध पहलुओं—जैसे नागरिक अधिकार, कर्तव्य, सामाजिक न्याय, और लोकतांत्रिक संरचना—पर विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका सुश्री के. शारदा (दुर्ग) द्वारा की गई। उन्होंने भारतीय संविधान को विश्व का सबसे विस्तृत और समावेशी दस्तावेज़ बताते हुए इसके हर नागरिक के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा में महत्व को रेखांकित किया। संविधान का इतिहास, उसकी विशेषताएं और निर्माण प्रक्रिया पर चर्चा, संविधान में मूल अधिकार और कर्तव्य, संविधान में समानता और सामाजिक न्याय, संविधान के माध्यम से भारत में लोकतंत्र की मजबूती, संविधान में राज्य और केंद्र के संबंध, भारतीय संविधान और महिलाएं, संविधान और अल्पसंख्यक अधिकार, संविधान में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा, संविधान में संशोधन प्रक्रिया, संविधान और पंचायती राज व्यवस्था, डॉ. भीमराव अंबेडकर और भारतीय संविधान आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसी कड़ी में कबीरधाम जिले के शासकीय प्राथमिक शाला केशलीगोड़ान के प्रधान पाठक शिवकुमार बंजारे और शासकीय प्राथमिक शाला रहमान कापा के सहायक शिक्षक लक्ष्मण बांधेकर ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) की संवैधानिक जड़ों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है, बल्कि यह सामाजिक असमानता को मिटाने और समाज में विकास का मार्ग प्रशस्त करने का सबसे सशक्त साधन है।वरिष्ठ शिक्षक धर्मानंद गोजे ने संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ करवाते हुए कार्यक्रम का समापन किया।  उन्होंने सभी वक्ताओं और अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए संविधान की समृद्धि और उसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया।
यह आयोजन भारतीय संविधान की मूल अवधारणाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने और इसे समझने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है। कार्यक्रम का संचालन प्रीति शांडिल्य धमतरी के द्वारा किया गया।

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