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Lok Sabha Live: दिल्ली हिंसा के चलते संसद में जबर्दस्त हंगामा, लोकसभा 2 बजे तक के लिए ​स्थगित

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है। इस दौरान संसद में जोरदार हंगामे की आशंका जताई जा रही है।

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है।  आज सदन की शुरुआत बेहद हंगामेदार रही। विपक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करना शुरु कर दिया। इसके बाद लोक सभा अध्यक्ष ने कार्यवाही 22 बजे तक के लिए ​स्थगित कर दी। बता दें कि बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चला था। अब दूसरा चरण आज से शुरू होकर 2 अप्रैल तक चलेगा। विपक्ष की तैयारियों के बीच संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हम मसले पर चर्चा को तैयार हैं, लेकिन अभी बजट पारित कराने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि यह संवैधानिक जिम्मेदारी है।

वहीं कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो पार्टी, संसद के दोनों सदनों में सोमवार को कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर बहस कराने की मांग कर सकती है। इस बीच लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि पार्टी दिल्ली के दंगों का मुद्दा संसद में जोरशोर से उठाएगी।

गृहमंत्री पर निशाना इस्तीफा मांगेगा विपक्ष 

संसद में आज विपक्षी पार्टियों के निशाने पर गृह मंत्री अमित शाह हो सकते हैं। कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही शाह के इस्तीफे की मांग की थी। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को कहा कि दिल्ली में हुए दंगे के मुद्दे को मजबूती से उठाएगी और हिंसा की वजह पूछेगी। शाह के इस्तीफे की करते हुए चौधरी ने कहा, ‘सरकार कानून-व्यवस्था बरकरार रखने में बुरी तरह नाकाम रही है। मुझे लगता है कि दंगाइयों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच कही न कही संबंध था, जिसके कारण जघन्य हत्याएं और आगजनी हुई जिसने पूरी दुनिया में हमारी छवि खराब की है। यह हमारे लिए बेहद चिंता का विषय है।’

सरकार ने कहा बजट पास होने दें 

बजट सत्र के पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि केंद्रीय बजट को पारित कराने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि यह संवैधानिक जिम्मेदारी है। संसदीय कार्य मंत्री ने हालांकि कहा कि विपक्ष को हिंसा का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए बल्कि इस पर चर्चा होनी चाहिए कि इसकी भविष्य में पुनरावृत्ति को कैसे रोका जा सकता है । उन्होंने कहा कि हम लोग नियमों के अनुसार किसी भी मसले पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं अगर अध्यक्ष इसके लिए इजाजत देते हैं।

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