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हमें अपने अधिकार के साथ कर्तव्य को नहीं भूलना चाहिए – दौलतराम कश्यप

कवर्धा – आस्था समिति के द्वारा 75 वां सविधान दिवस दिनांक 26 नवंबर 2024 को संस्था कार्यालय कवर्धा, जिला कबीरधाम छत्तीसगढ़ में मनाया गया‌। कार्यक्रम का शुभारम्भ उपस्थित लोगों द्वारा डॉ भीमराव अम्बेडकर जी का चलचित्र पर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना किये और सविधान की प्रस्तावना का सपथ दिलाया।

श्री दौलत राम कश्यप – आस्था समिति अध्यक्ष द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। आगे उन्होंने कहाँ की हमें अपने अधिकार के साथ कर्तव्य को नहीं भूलना चाहिए

संविधान की प्रस्तावना, उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है। संविधान सभा ने इसे 26 नवंबर, 1949 को अपनाया था। संविधान 26 जनवरी, 1950 से लागू हुआ था। संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है संविधान की प्रस्तावना में भारत की प्रकृति को स्पष्ट किया गया है।
प्रस्तावना में स्वतंत्रता, न्याय, बंधुत्व, और समानता जैसे उद्देश्य शामिल हैं। प्रस्तावना में भारत राज्य की प्रकृति समाजवादी, संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य बताई गई है। प्रस्तावना में यह भी बताया गया है कि भारत में किसी बाहरी शक्ति का प्रभुत्व नहीं है.
प्रस्तावना का मकसद नागरिकों को आपसी भाईचारा और बंधुत्व के ज़रिए देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करना है।

राजेश गोयल (कार्यक्रम प्रबंधक लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना) द्वारा उपस्थित लोगों को सविधान के उद्देशिका का शपथ दिलाया एवं सविधान की मार्गदर्शका और मौलिक अधिकारो की जानकारी दिया।

आशु चंद्रवंशी ने बताया की डॉ. भीमराव अंबेडकर ने दलित समाज के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया था। उन्होंने समाज में छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए काम किया।
सविधान दिवस के अवसर पर राजेश गोयल, रामानुज पाली, आशु चंद्रवंशी, मोनिका बांधेकर, लक्ष्मी, आशीष, रामकिनकर, संगीता, ज्योति, आशा, अभिषेक, देवेन्द्र, शालिनी, आरती, नरबदिया, शशि, प्रीति एवं इंद्रानी यादव की उपस्थिति रही।

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