राष्ट्रीय रजक महासंघ के प्रदेश संरक्षक एवं निज सहायक तुलसी कौशिक एवं प्रदेश अध्यक्ष विश्राम निर्मलकर का जिला कवर्धा के पदाधिकारी द्वारा किया गया आत्मिय सम्मान।
राष्ट्रीय रजक महासंघ के प्रदेश संरक्षक एवं निज सहायक तुलसी कौशिक एवं प्रदेश अध्यक्ष विश्राम निर्मलकर का जिला कवर्धा के पदाधिकारी द्वारा किया गया आत्मिय सम्मान
कवर्धा कुंडा, राष्ट्रीय रजक महासंघ के प्रदेश संरक्षक एवं माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के निज सहायक श्री तुलसी कौशिक जी एवं राष्ट्रीय रजक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री विश्राम निर्मलकर के सम्मान में सम्मान समारोह का आयोजन निर्मलकर समाज जिला कबीरधाम एवं पंडरिया परिक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम खम्हरिय (कुंडा) मे भव्य आयोजन किया गया। अतिथियों का आतिशी स्वागत पश्चात संत गाडगे महाराज जी के तेल चित्र पर पूजा अर्चना अतिथियों द्वारा किया गया तत्पश्चात जिला कबीरधाम एवं पंडरिया परिक्षेत्र के पदाधिकारी के द्वारा मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण से स्वागत एवं अंग वस्त्र मोमेंटो भेंट कर सम्मान किया गया।
समाज को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि माननीय तुलसी कौशिक जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।जिन देशभक्ति के त्याग बलिदान के परिणाम स्वरूप भारत स्वतंत्र हुआ है उन बलिदानियों पूर्ण स्मरण करते हुए देश के प्रति समर्पण भाव से समाज व राष्ट्र के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े राजा और महाराज भी इस देश में हुए लेकिन आज उनका नाम लेने वाला कोई नहीं है परंतु देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले ऐसे देशभक्त हुए जिनका पुण्य स्मरण देश हमेशा करता रहेगा।भारतीय संस्कृति को विश्व के पटल पर स्थापित करने के लिए हमें भारत माता के वैभव को परम शिखर पर पहुंचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को ऐसा कार्य करना पड़ेगा कि भारत माता का सर ऊंचा हो।
उन्होंने कहा कि भारत की गौरव गाथा को स्थापित करने के लिए भारत को सोने की चिड़िया बनाने के लिए भारतीय संस्कृति को उच्चतम सोपान पर स्थापित करने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी एवं छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के साथ रजक समाज को भी अपना योगदान प्रदान करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष श्री विश्राम निर्मलकर ने संबोधित करते हुए कहा कि समाज का सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है जब हम संत गाडगे महाराज जी के बताएं मार्ग पर चले उन्हें अपने आदर्श मानते हुए धार्मिक भावना से प्रेरित होकर कार्य करें। श्री विश्राम निर्मल करने कहा कि आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के द्वारा जो स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है इस स्वच्छता अभियान के जनक संत गाडगे महाराज जी ही है इसलिए रजक समाज के सभी बंधुओ को गर्व होना चाहिए। एवं स्वच्छता अभियान व शिक्षा को अपनाकर, कुरीतियों को त्यागकर , समाज में सद्भाव का वातावरण बनाकर,संत गाडगे महाराज जी के बताए मार्ग पर चलकर ही समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है।
कार्यक्रम को सेवाराम कुर्रे अध्यक्ष प्रतिनिधी जनपद पंचायत पंडरिया, भुनेश्वर निर्मलकर सदस्य रजकार कल्याण बोर्ड छ.ग.शासन श्री निलेश नर्मदा रजक प्रदेश महासचिव , प्रियंका नरेंद्र निर्मलकर सरपंच, कमलेश निर्मलकर जिला कोषाध्यक्ष, श्री महाजन निर्मलकर, जिला संरक्षक, श्री डी आर कर्ष, संभागीय संरक्षक, नदलाल चंद्राकर जी जिलाअध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद जिला कबीरधाम, भुवनेश्वरी निर्मलकर, श्री कुमार निर्मलकर सचिव पंडरिया परिक्षेत्र, मनीराम निर्मलकर अध्यक्ष नंदकुमार निर्मलकर प्राचार्य, ने संबोधित किया। मुख्य अतिथि के कर कमलो से सभी शिक्षकों का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।नवयुवक साथियों वरिष्ठ समाजसेवियों जनप्रतिनिधियों भगवा वस्त्र श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। सम्मत निर्मलकर गौरी निर्मलक वीरेंद्र निर्मलकर नरेश निषाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन परसोत्तम निर्मलकर युवा समाजसेवी ने किया आभार प्रदर्शन लखन लाल निर्मलकर प्रधान पाठक ने किया।
इस अवसर पर कुंज राम निर्मलकर महाजन प्रसाद निर्मलकर नर्मदा प्रसाद निर्मलकर जलेश्वर निर्मलकर द्वारिका निर्मलकर मनीराम निर्मलकर डा राधेलाल निर्मलकर बलदाऊ रजक पत्रकार जेठू राम निर्मलकर सरपंच ग्राम पंचायत छीतापार कला शिवकुमार निर्मलकर फेरहा राम निर्मलकर सरजू निर्मलकर दशरथ निर्मलकर प्रधान पाठक सुख चैन निर्मलकर प्रधान पाठक टी आर निर्मलकर व्याख्याता राजेंद्र निर्मलकर शिक्षक दशरथ निर्मलकर शिक्षक बदक निर्मलकर भारत लाल निर्मलकर रामफल निर्मलकर सखाराम निर्मलकरतीरथ राम निर्मलकर कार्तिकनिर्मलकर शिवनंदन निर्मलकर दुजराम निर्मलकर नयन महेश निर्मलकर सुखचंद निर्मलकर जितेंद्र जितेन्द्र रजक सुशील निर्मलकर रोहित रजक विजय निर्मलकर सूरज निर्मलकर संतराम निर्मलकर अशोक निर्मलकर सोमनाथ निर्मलकर समस्त स्वजाति बंधु, बड़ी संख्या में शामिल रहे