कवर्धा बोड़ला:- बिजली विभाग की लापरवाही और शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते बच्चों के जान खतरे में।
स्कूल परिसर में करेंट के चपेट में आने से एक बैल की हुई मौत। कहीं मासूम बच्चे के साथ ना घट जाये कोई अप्रिय घटना।
कवर्धा बोड़ला – शासकीय प्राथमिक शाला नेउरगांव कला और सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में लगे ट्रांसफार्मर को हटाने में लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम वासी अधिकारियों को ट्रांसफार्मर हटाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर बार अनसुना कर दिया जा रहा। विद्युत वितरण कंपनी के साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी इस मामले को लेकर आंख मूंद रखी हैं। ट्रांसफार्मर से स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को खतरा बना हुआ है। शिक्षा विभाग यदि चाहे तो ट्रांसफारमर को हटाने बिजली विभाग को तत्काल सूचित कर हटवाने हेतु कह सकती है पर उदासीनता के चलते किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में आला अधिकारी बैठे है। वहीं विद्यालय परिसर में लगे ट्रांसफार्मर से आज एक बैल की करंट की चपेट में आने से मौत हुई है। भगवान ना करें कि बच्चों के साथ कुछ अनहोनी हो। विद्यालय परिसर में बैल की करंट से मौत होने के कारण ग्रामवासी सदमे में और डरे हुए है। सरस्वती शिशु मंदिर और प्राथमिक विद्यालय के पालक गण अपने बच्चों को विद्यालय भेजने में डर रहे हैं। आखिर इतना सब कुछ होने के बाद भी यदि शासन और प्रशासन आंख मूंद कर बैठी रहेगी तो निश्चित ही कोई ना कोई अनहोनी जरूर होगा और इसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन और प्रशासन की होगी।
प्राथमिक शाला परिसर में ट्रांसफार्मर लगा है। इससे पास से बच्चों के आने-जाने से हमेशा खतरा बना रहता है। बरसात के दिनों में करंट की संभावना बनी रहती है। जिसे लेकर शिक्षक चिंतित है। ट्रांसफार्मर को हटाने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों से गुहार भी लगाई है लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी इन बातों से ग्राम वासियों ने अवगत करा दिया है लेकिन कोई भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। बच्चों की किसी को परवाह नहीं। सत्ता शासन में बैठे लोग शिक्षा और विकास के नाम पर बड़ी बड़ी बाते करतें रहते है पर धरातल पर इससे बड़ा उदाहरण और क्या दिया जाये जहाँ छोटे छोटे बच्चे अपने परिवार को छोड़ शिक्षा लेने आते है उन्हें क्या पता की कौन सी बड़ी घटना उनके साथ घट सकती है। ऐसा नही है की प्रशासन को इसकी जानकारी ना हो फिर भी गंभीरता ना लेना समझ से परे है। आम जनता का कहना है की कोई भी मंत्री या विधायक किसी भी गांव में यदि जाये और किसी उद्घाटन का फीता काटे तो पहले उस गांव की मुख्य धारा से जुडी समस्या का निराकरण करें, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी समस्या को तो तत्परता से ही निराकरण करें।
ट्रांसफार्मर से बच्चों को खतरा बना हुआ है। बच्चे सहित ग्राम वासी और शिक्षक भी भयभीत रहते है, कुछ अनहोनी न हो। इसके लिए वे लगातार लगे हुए है कि किसी तरह ट्रांसफार्मर हट जाए लेकिन कोई सुन नहीं रहा है । बिजली विभाग के अधिकारी ट्रांसफार्मर दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। उन्हें बच्चों की कोई परवाह नहीं है।