महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, नहीं होंगी फइनल ईयर की परीक्षाएं


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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह कोरोना वायरस के चलते पेशेवर पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं रद्द करने को लेकर संबंधित शीर्ष निकायों को निर्देश दें। मोदी को लिखे 25 जून के इस पत्र में ठाकरे ने कहा कि राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 18 जून को हुई बैठक में, कोविड-19 के मौजूदा हालात पर विचार करते हुए गैर-पेशेवर पाठ्यक्रमों के साथ-साथ पेशेवर पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं कराने और विश्वविद्यालयों के मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को डिग्री प्रदान करने का फैसला किया है।
Maharashtra Govt decided to not conduct final year/final semester exam of non-professional/professional courses as present atmosphere is not yet conducive to conduct any exam or classes. Also decided to award degrees based on formula decided by universities: CMO Maharashtra pic.twitter.com/qQFNFIKtWz
— ANI (@ANI) June 26, 2020
उन्होंने कहा कि इसके अलावा छात्रों को यह विकल्प भी दिया गया है कि जब भी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी तो वे उनमें बैठ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में यह भी तय किया गया है कि पेशेवर पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं को लेकर संबंधित शीर्ष निकाय ही फैसला लेंगे क्योंकि वे ही इन्हें विनियमित करते हैं। इन शीर्ष निकायों में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईटीसीई), वास्तुकला परिषद (सीओए), भारतीय औषधि परिषद (पीसीआई), भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), राष्ट्रीय होटल प्रबंधन एवं खानपान प्रौद्योगिकी परिषद (एनसीएचएमसीटी) शामिल हैं।
CM has written to PM requesting to instruct national level apex authorities like AICTE, COA, PCI, BCI, NCTE & National Council For Hotel Mgmt & Catering Technology to endorse state govt’s decision regarding professional courses & issue guidelines to universities: CMO Maharashtra pic.twitter.com/1qs01G4edy
— ANI (@ANI) June 26, 2020
ठाकरे ने पत्र में लिखा, ”मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष निकायों को पेशेवर पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द करने के राज्य सरकार के फैसले पर अमल करने और उन्हें इस संबंध में विश्वविद्यालयों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दें।”