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स्कूलों में ताला और शराब को बढ़ावा यही है भाजपा की असली नीति : चिराग शर्मा

दुर्ग – छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार की हालिया नीतियों ने जनता में गहरी नाराजगी और चिंता पैदा कर दी है। एक ओर सरकार 1 अप्रैल 2025 से प्रदेश में 67 नई शराब दुकानें खोलने जा रही है, जिससे कुल शराब दुकानों की संख्या 741 हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर, लगभग 4000 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है, जिससे 35,000 शिक्षकों के पद खाली हो जाएंगे। इन फैसलों से सरकार की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

युवा कांग्रेस के प्रदेश संयोजक और वार्ड 1 छाया पार्षद चिराग शर्मा ने सरकार की नीतियों की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा, “4000 स्कूलों को बंद करना और शराब दुकानों की संख्या बढ़ाना, प्रदेश की युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ क्रूर मजाक है। एक तरफ बच्चों का भविष्य अंधेरे में धकेला जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार हर गली-मोहल्ले में शराब पहुंचाने में जुटी है। यह सरकार की शिक्षा विरोधी और समाज विरोधी सोच को दर्शाता है।”

चिराग ने आगे कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से शराब की खपत को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। NCRB की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में नशे की हालत में किए गए अपराधों की संख्या 7500 से अधिक थी, जो देश में सबसे अधिक दरों में से एक है। इससे प्रदेश में अपराध, लूटपाट और सामाजिक अस्थिरता में वृद्धि हुई है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी स्थिति चिंताजनक है। प्रदेश में पहले से ही हजारों शिक्षकों के पद खाली हैं, और अब स्कूलों को बंद करने का फैसला शिक्षा की गुणवत्ता को और नीचे ले जाएगा। शिक्षा बजट में लगातार कटौती भी इस बात का प्रमाण है कि सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा नहीं है।

चिराग ने पिछली कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार ने गरीब बच्चों के लिए आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, गौठानों का विकास और किसानों के हित में कई योजनाएं शुरू की थीं। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार मूलभूत सुविधाओं को नजरअंदाज कर शराब को बढ़ावा देने में जुटी है।”

शर्मा ने कहा कि स्कूलों को बंद करने के शिक्षा विरोधी फैसले को तुरंत वापस लिया जाए और शराब को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर पूर्ण रोक लगाई जाए। शिक्षा और सामाजिक विकास को प्राथमिकता दी जाए, ताकि छत्तीसगढ़ के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो।

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