रायपुर 14 मार्च 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज लोकवाणी में नारी शक्ति पर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हो रही भर्तियों और विकास कार्यों की भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें इसके लिए भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेज की छान-बीन के लिए जो समिति बनाई जाएगी उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रखने का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के लिए आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है। 26 वर्षों बाद प्रदेश में शिक्षकों की स्थायी भर्ती इसके साथ ही साथ पुलिस कर्मियों की भर्ती की रूकी हुई प्रक्रिया शुरू की गई है। इनमें भी महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा के लिए प्रारंभ की गई स्थायी भर्ती
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार हमने स्थायी शिक्षक, शिक्षिकाओं की भर्ती के बारे में कहा था, जिसके दो प्रमुख कारण थे। एक तो शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और दूसरा नौकरी कर रहे शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा। हमने लगभग 15 हजार पदों के विरुद्ध नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू की तो कोर्ट से स्टे जैसी अनेक समस्याएं आ र्गइं। मुझे खुशी है कि अंततः सारी समस्याओं को हल करते हुए अब चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हो गया है। जिन लोगों को नियुक्ति पत्र मिल गया है, उन सबको मैं बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। हमने दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों के नियमितीकरण का वादा निभाया है, जिसका लाभ हमारी बहनों को मिला है। पुलिसकर्मियों की भर्ती की रुकी हुई प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसी तरह से विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। मैं बताना चाहता हूं कि सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए हमने यह व्यवस्था की है कि भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन आदि कार्यों के लिए जो भी समितियां बनाई जाएंगी, उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रहेंगी। महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है।राजिम की एकता राजानी ने मुख्यमंत्री से कहा कि मुझे शिक्षा विभाग में सेवा का अवसर मिला है, 26 साल बाद स्थायी भर्ती शुरू हुई। पहले बैच में उनका चयन हुआ है। उन्हें स्थायी नियुक्ति पत्र भी मिल गया है। झरना धु्रव ने बताया कि वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवपुर में भृत्य के पद पर कार्य कर रहें हैं। उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिली है।
आंगनबाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित किया जायेगा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नारी शिक्षा व सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने तो आंगनवाड़ी के स्तर से ही शिक्षा की बुनियाद रखने की पहल की है। आमतौर पर आंगनवाड़ी को शिशुओं के पोषण आहार प्रदाय का केन्द्र माना जाता है, लेकिन हमने आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया है। महात्मा गांधी नरेगा में कन्वरजेंस से आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य रखा है, जहां नहीं है, उसके लिए हमने अपने तीनों बजटों में प्रावधान रखा है। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम हेतु 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित
माध्यमिक विद्यालयों तथा कन्या छात्रावासों में जूडो-कराटे का प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार माध्यमिक विद्यालयों तथा 74 कन्या छात्रावासों में बालिकाओं को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा स्वच्छता दीदियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। शिक्षा का अधिकार के तहत 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ बालिकाओं को भी मिल रहा है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है। नए बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।