AP News आपकी आवाज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो केसीजी
खैरागढ़ 21 सितंबर 2024// श्रीमती चांदनी साहू की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे एक गृहिणी अपने जीवन को बदल कर समाज में एक सशक्त महिला बन सकती है। उनका सफर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” से जुड़ने के साथ शुरू हुआ, जहां उन्होंने स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने आत्मविश्वास को बढ़ाया और विभिन्न आजीविका गतिविधियों में शामिल हुईं।
एक गृहिणी से वित्तीय साक्षरता सामुदायिक संवर्ग (एफ.एल.सी.आर.पी.)
बनने का सफर के बारे में श्रीमती चांदनी साहू ने बताया कि उच्च शिक्षा पूर्ण होने के बाद भी आत्मविश्वास की कमी होने के कारण घर से बाहर आने-जाने में असहज महसूस करती थी। विवाह के 02 वर्ष बाद ही पति का देहांत हो जाने से मानसिक रूप से परेशान रहती थीं। फिर इन्होने छग राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” में स्व-सहायता समूह से जुड़कर समूह की गतिविधियों के बारे में जाना। हकदर्शिका के पद पर कार्य करते हुए 20 दीदियों का मार्गदर्शिका किया। इसमें 5000 रुपए प्रतिमाह मानदेय प्राप्त होता था। उनके कार्य से प्रभावित होकर विद्या संकुल संगठन छुईखदान द्वारा इन्हें वित्तीय साक्षरता सामुदायिक संवर्ग (एफ.एल.सी.आर.पी.) के रूप में चयनित किया। उनके द्वारा 8 से 10 ग्रामों में समूह सदयों को वित्तीय साक्षरता की ट्रेनिंग देने के साथ की उनकी मांग अनुसार ऋण प्रकरण तैयार कर बैंक में जमा किया जाता है। इस कार्य से लगभग इन्हे 6000 रुपए प्रतिमाह मानदेय प्राप्त हो जता है। इन्होंने सिलाई एवं ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया हैं, वर्तमान में अपने घर पर ब्यूटी पार्लर का संचालन कर रही हैं । इस कार्य से 3 से 4 हजार रु महीने की आमदनी हो जाती है। इसके अतिरिक्त इन्होंने समूह से ऋण लेकर ई-रिक्शा खरीदा है, एवं उसका संचालन कर रही हैं। जिसमें प्रति माह 10 से 12 हजार रुपये की आय प्राप्त हो रही है। इस तरह वर्तमान में लगभग 20 हजार रुपए महीने में कमाई हो रही है। चांदनी दीदी बिहान के माध्यम से लोकस ऐप और ग्राम गरीबी उन्मूलन योजना (व्ही.पी.आर.पी.) पोर्टल में स्व-सहायता समूह सदस्यों की इंट्री का कार्य भी करती है। बिहान में जुड़ने के बाद सामुदायिक संवर्ग के विभिन्न पदो पर कार्य करते हुए इन्होंने स्वयं को सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाया है, उनके उत्कृष्ट कार्यों से प्रभावित होकर विभिन्न सार्वजनिक मंचों पर विधायक, कलेक्टर एवं न्यायधीश व्यवहार न्यायालय जैसी विभूतियों ने प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया है। कड़ी मेहनत एवं लगन से आज चांदनी दीदी आत्मनिर्भर बनकर सम्मान की जिंदगी जी रही हैं, एवं अपने बच्ची को अच्छी शिक्षा दे पा रही हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को पर्याप्त वित्तीय सहयोग दिलाकर, उनकी आजीविका संवर्धन करना एवं अपनी तरह उन्हे भी आत्मनिर्भर बनाना चांदनी दीदी के जीवन का प्रमुख लक्ष्य है