बैगा पर्यावास अधिकार हेतु पंडरिया विकासखंड के पोलमी में जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर आयोजित110 बैगा बसाहटों से पहुंचे 84 पारंपरिक मुखिया, पर्यावास अधिकार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल

पोलमी, 8 मई 2025:
पंडरिया विकासखंड के ग्राम पोलमी (बाजारपारा) में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के पर्यावास अधिकार की मान्यता हेतु एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में क्षेत्र की 110 बैगा बसाहटों से आए 84 पारंपरिक बैगा मुखियाओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवी संस्था आदिवासी समता मंच द्वारा किया गया, जो इस विषय में स्थानीय सहयोगी संस्था के रूप में कार्य कर रही है।
शिविर में बैगा मुखिया गौठुराम बैगा ने जानकारी दी कि आगामी 10 दिनों में समस्त 110 बैगा बसाहटों में पर्यावास अधिकार से संबंधित प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
आदिवासी समता मंच की प्रतिनिधि सुश्री अनिमा बनर्जी ने बताया कि बैगा समाज की सामाजिक, आर्थिक स्थिति, सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता, आस्था एवं मान्यताओं का ग्रामवार दस्तावेज तैयार किया गया है, जो पर्यावास अधिकार प्राप्ति की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण आधार बनेगा।
संस्था के समन्वयक श्री सहेत्तरसिंह धुर्वे ने बताया कि 110 बैगा बसाहटों का नजरी नक्शा तैयार किया गया है, जिससे संबंधित प्रशासनिक कार्यों में सुविधा होगी। इस अवसर पर बैगा समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री इतवारी राम मछिया ने कहा कि पर्यावास अधिकार प्राप्त होने से बैगा समुदाय अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों, मान्यताओं और संस्कृति के साथ सुरक्षित रूप से रह सकेगा तथा अपने पर्यावास की रक्षा व समृद्धि कर सकेगा।
कार्यक्रम में चतरी ग्राम से पधारे बैगा मुखिया श्री सेमलाल (मन्ना) बैगा ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की सभी पी.वी.टी.जी. (अत्यंत दुर्लभ जनजातियाँ) को पर्यावास अधिकार दिलाने के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर श्री सुखराम बैगा, श्रीमती सोन बाई, श्रीमती फगिया बाई, श्रीमती पन्टोरिन बाई बैगा, श्रीमती बिसाहिन बाई बैगा, श्री लालजू बैगा, श्री सुकरसिंह बैगा, श्री धनसिंह बैगा, श्री केवलसिंह बैगा, श्री सोनकुमार बैगा, श्री नानसिंह बैगा, श्री लामू बैगा सहित अनेक समुदायजन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में आदिवासी समता मंच के कार्यकर्ताओं – श्री हेमंत कुमार गढ़ेवाल, श्री मनोज कुमार बैगा, श्री इतवारी पंद्राम, डॉ. राजेश रंजन, श्री अनिल कुमार धुर्वे, श्री जोन्हुराम बैगा एवं श्री राजेश मानिकपुरी ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
