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प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ से मनरेगा श्रमिक बनेंगे आत्मनिर्भर और मिलेगा स्वरोजगार का अवसर

AP News आपकी आवाज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ से मनरेगा श्रमिक बनेंगे आत्मनिर्भर और मिलेगा स्वरोजगार का अवसर

_विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) परिवार के सदस्यो को भी मिल रहा प्रशिक्षण

खैरागढ़ 25 सितंबर 2024//

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पंजीकृत श्रमिको को अकुशल रोजगार प्रदान किया जाता है, साथ ही श्रमिको को प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ के तहत प्रशिक्षण देकर स्थायी आजीविका से जुड़ने के अवसर भी प्रदान किये जा रहे है। मनरेगा योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष मे 100 दिन का रोजगार प्राप्त कर चुके श्रमिको का काउंसिलिंग कर उन्हें चिह्नित कर प्रशिक्षित किया जा रहा है । प्रोजेक्ट उन्नति के माध्यम से प्रशिक्षित होकर श्रमिक अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते है, जिससे उनकी मनरेगा के अकुशल रोजगार पर निर्भरता कम होगी ।
विकासखंड छुईखदान मे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के 35 पंजीकृत श्रमिको को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) एवं मनरेगा की ब्लॉक टीम द्वारा काउंसलिंग कर, आर-सेटी राजनांदगांव के माध्यम से प्रोजेक्ट उन्नति के तहत “सब्जी, नर्सरी प्रबंधन एवं खेती” विषय पर ऑफ कैम्पस प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण मे विकासखंड छुईखदान के ग्राम पंचायत गोपालपुर, आमगांव, बुढ़ानभाट, खुड़मुड़ी, सिंगारपुर, खादी, कुम्हरवाड़ा और साल्हेवारा के पंजीकृत श्रमिक है। जिसमे से ग्राम पंचायत सिंगारपुर के 03 श्रमिक विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) के है। श्रमिको के सब्जी, नर्सरी प्रबंधन एवं खेती विषय पर प्रशिक्षण 18 सितंबर से प्रारंभ हुआ है और आगामी 27 सितंबर तक चलेगा। यह प्रशिक्षण आर-सेटी राजनांदगांव के प्रशिक्षको के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।

प्रोजेक्ट ‘उन्नति’
“प्रोजेक्ट उन्नति” केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मनरेगा डिवीजन द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और मनरेगा के परस्पर समन्वय से संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मनरेगा के अन्तर्गत कार्य कर रहे ग्रामीण परिवारों के सदस्यों को उनकी रूचि के आधार पर प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के काबिल बनाना है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 से अब तक के वित्तीय वर्षो मे 100 दिनो का रोजगार हासिल करने वाले परिवार के किसी एक सदस्य को जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच है, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण मुहैया कराया जाता है ।

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