आदिवासी महिला दुर्गावती ने विधायक भावना बोहरा के चैलेंज को किया स्वीकार, पूछा – अखाड़ा कहां है? दिनांक, समय और जगह बताएं

कवर्धा। विधायक भावना बोहरा द्वारा राजनीति करने अखाड़ा में आने का चैलेंज देने वाला मामला अब तूल पकड़ने लगा है। वनांचल क्षेत्र के आदिवासी समाज की एक महिला ने पंडरिया विधायक भावना बोहरा की चैलेंज को स्वीकार करते हुए विधायक से दिनांक, स्थान और समय पूछा है। आदिवासी समाज के दुर्गावती मरकाम ने विधायक भावना बोहरा से कहा कि आपका चैलेंज हमें स्वीकार है आपके अखाड़ा कहां है बता दीजिए दिनांक, स्थान और समय आप तय कर लीजिए आप जहां बोलेंगे मैं आपसे बहस करने के लिए आपके अखाड़े में आऊंगी।
उन्होंने कहा दशगात्र कार्यक्रम में भोजन अव्यवस्था विधायक की खुद की गलती थी, जब आप भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी ली थी तो पूरे समाज के लिए आपको भोजन की व्यवस्था करना था लेकिन आप नहीं कर पाए। हमारे समाज के 90% लोग भूखे बिना खाना खाये वापस लौटे और दशगात्र कार्यक्रम के दिन समाज को भोजन नहीं मिला तब आदिवासी समाज के लोगों ने प्रतिक्रिया दिया था। इस प्रतिक्रिया के तुरंत बाद आपने कहा था की विकृत मानसिकता के लोग मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं तो मैं पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा से पूछना चाहती हूं कि विकृत मानसिकता का मतलब क्या होता है? हमारे समझ में विकृत मानसिकता मतलब पागल होता है तो विधायक जी आपने आदिवासी समाज के लोगों को पागल कहा है, आदिवासी समाज को पागल कहा है। मैं पंडरिया विधानसभा के लोगो से पूछना चाहती हूं कि क्या आदिवासी समाज के लोग पागल है? क्या आदिवासी समाज पागल है? पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा जी धनबल एवं सत्ता की नशा में चूर हो गई है अहंकारी हो गई है घमंडी हो गई है और लोगो को फेस नहीं कर पा रही है। इन्होने आदिवासी समाज का अपमान किया है इनको आदिवासी समाज से माफ़ी मांगना चाहिए।
क्या था पूरा मामला?
पंडरिया विधानसभा के ग्राम के सेमरहा में वाहन दुर्घटना में 19 लोगो की मृत्यु हो गई थी जिसका दशगात्र कार्यक्रम के भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा जी ने ली थी। कार्यक्रम में लगभग 7000 से 8000 लोगों की उपस्थिति थी जिसमें से मात्र 700 लोग को ही भोजन मिल पाया था 90% लोग बिना खाना खाए ही वापस लौट गए थे जिसे लेकर आदिवासी समाज के महिला-पुरुषों ने कार्यक्रम में अव्यवस्था का आरोप लगाया था। उक्त टिप्पणी के बाद मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए विधायक ने कहा था कि विकृत मानसिकता के लोग ये भ्रम फैला रहे हैं। कुछ लोग राजनीति करने में लगे हैं तो उन्हें मेरा चैलेंज है राजनीति करना है तो अखाड़ा में आए। विधायक के इस बयान को लेकर ही आदिवासी महिला का जवाब सामने आया है।