राम के राज्याभिषेक के साथ ही रामलीला का हुआ समापन, देर रात्रि तक सुकली के रामभक्त आनंद लेते रहे
राम के राज्याभिषेक के साथ ही रामलीला का हुआ समापन, देर रात्रि तक सुकली के रामभक्त आनंद लेते रहे..
टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ लोरमी : रामलीला का ग्रामीण भारतीय जनमानस पर गहरा प्रभाव है। इसकी बानगी सुकली गांव में देखने को मिली जहां बनारस से आए रामलीला मंडली ने सात दिनों तक राम के विभिन्न चरित्रों से जुड़े अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं, पुरुष अनेक गांवों से देखने आते थे। रामायण के पात्रों का सजीव अभिनय कलाकारों के सुंदर भावाभिव्यक्ति से झलक रहा था। रामजन्म, राम सुग्रीव मिलाप, सीताराम विवाह, लंका दहन, राम रावण युद्ध, राम राज्यभिषेक समेत अनेक प्रसंगों का सुंदर मंचन करवाया गया। कई पात्रों के अभिनय तो ग्रामवासियों ने भी निभाए। इस लीला के संबंध में जानकारी देते हुए ग्रामीण सामाजिक कार्यकर्ता उमाशंकर सिंह राजपूत ने बताया कि हमारे गांव में पिछले कई वर्षों बाद रामायण मंडलीय लीला का मंचन हुआ लेकिन ईश्वर से यह इसलिए और भी मनोरम हुआ क्योंकि भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में विराजमान हो चुका है और उसकी पहली वर्षगांठ के अवसर पर गांव में राम में वातावरण बनाने की उद्देश्य से ग्रामवासियों ने रामलीला का आयोजन किया था वास्तव में अपने उद्देश्यों को पूरा करते हुए लीला के माध्यम से सबको जोड़ने का काम हुआ।
सामाजिक समरसता और रामायण से जुड़े हुए अनेक प्रसंगों को नई पीढ़ी को बताने में हम कामयाब हुए। इस अवसर पर सरपंच नोहर सिंह राजपूत ने कहा मेरे कार्यकाल में यह अंतिम सांस्कृतिक उत्सव गांव वालों के साथ मनाने में मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई गांव वालों का भरपूर सहयोग रहा। राम चरित्र और राम राज्य की सुंदर झांकियां इस रामलीला कार्यक्रम में दिखाई पड़ा। आने वाले समय में हमारा गांव भी राम राज्य की ओर सदा बढ़ता रहे और सबके अंदर प्रेम मानवता का बोध हो सब मिलजुल कर रहे नशा मुक्त हो यही मेरी सद्भावना है। रामलीला में मंचन किए हुए समस्त कलाकारों को मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और ग्रामवासियों का भी धन्यवाद करता हूं। कार्यक्रम को सफल बनाने में हेमंत सिंह, कुलदीप सिंह, हरिश्चंद्र सिंह, रमेश सिंह, सुरेश साहू, जुगलकिशोर, भुनेश्वर जायसवाल एवं नीरज सिंह लगे रहे।