सर्पदंश से पीडि़त नौ वर्षीय बच्चे की ईलाज के आभाव में मौत।
तुकाराम चन्द्रवंशी ने जिले की खस्ताहाल सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल।
कवर्धा। बीते गुरूवार को तरेगांव जंगल थाना क्षेत्र के ग्राम लीलादादर निवासी रवि बैगा पिता बैसाखू बैगा आयु 9 वर्ष को उसके घर के पास ही एक जहरीले सर्प ने दंश मार दिया था। बताया जाता है कि सर्पदंश के बाद बच्चे की तबियत बिगडऩे लगी जिसे देखते हुए उसके पिता ने तत्काल क्षेत्र में आम जनमानस की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित एम्बुलेंस को कॉल किया लेकिन बताया जाता है कि सूचना देने के बाद भी एम्बुलेंस घटना स्थल पर नहीं पहुंची। जिसके बाद मजबूर पिता ने अपने बच्चे की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उसे मोटर सायकल में ही बैठाकर सीधे तरेगांव के शासकीय चिकित्सालय लाया गया। लेकिन बच्चे के पिता बैसाखू की माने तो तरेगांव शासकीय अस्पताल में कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था, जो स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल में मौजूद था उसने बच्चे को एक बॉटल लगा दी और बैसाखू को सलाह दी की वह अपने बच्चे को या तो बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य ले जाए या फिर जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दे। इस स्थिति में बैसाखू ने तरेगांव से भी शासकीय एम्बुलेंस की सेवा के लिए संपर्क किया। लेकिन उसे यहां से भी एम्बलेंस नहीं मिल पाई। अपने बच्चे की लगातार बिगड़ती तबियत को देखते हुए एक मजबूर और लाचार पिता जैसे-तैसे बच्चे को बॉटल लगी स्थिति में ही मोटर सायकल में बैठाकर सीधे बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए निकल पड़ा। अपने बच्चे के स्वास्थ्य लाभ के लिए भगवान से दुआ मांगते बैसाखू ग्राम बैजलपुर तक पहुंचा ही था कि उसे रास्ते में शासकीय एम्बुलेंस नजर आई और उसकी जान में जान आई। लेकिन बताया जाता है कि बच्चा जब तक बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच पाता उसकी मौत हो गई। निश्चित रूप से समझा जा सकता है कि इस हृदय विदारक घटना के बाद उस मजदूर और लाचार पिता पर क्या बीत रही होगी जिसके लाख जतन के बाद भी उसके बच्चे की जान नहीं बच पाई। ऐसे में बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर इस बच्चे की मौत का जिम्मेदार कौन है?
स्वास्थ्य विभाग बच्चे की मौत का जिम्मेदार: तुकाराम चन्द्रवंशी।
इस हृदय विदारक घटना पर दुख तथा मृतक बच्चे और उसके परिजनो के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चन्द्रवंशी ने कहा कि बच्चे की मौत स्वास्थ्य विभाग की घोरलापरवाही तथा असंवेदशीलता के कारण हुई है। उन्होने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश की भाजपा सरकार जिले के शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण और वनांचल ईलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भर रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के विधानसभा की स्थिति ये है कि यहां जरूरत पडऩे पर पीडि़त जरूरतमंदों को एम्बुलेंस और स्वास्थ्य सुविधा तक नसीब नहीं हो पा रही है। उन्होने कहा कि अगर इस बच्चे को समय रहते एम्बुलेंस और स्वास्थ्य सुविधा मिल जाती तो संभवत: बच्चे की जान बच जाती। उन्होने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की उचित जांच की जाए और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाए।