संकुल शैक्षिक समन्वयक संघ द्वारा गौसेवा आयोग अध्यक्ष का सम्मान
संकुल शैक्षिक समन्वयक संघ द्वारा गौसेवा आयोग अध्यक्ष का सम्मान
टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ पंडरिया : छग शैक्षिक समन्वयक शिक्षक संघ पंडरिया द्वारा कल दिनाँक 06 जनवरी को खण्ड स्रोत समन्वयक कार्यालय पंडरिया में छग गौसेवा आयोग अध्यक्ष श्री बिशेषर पटेल जी का स्वागत एवं सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में श्री बिशेषर पटेल जी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री संजय सोनी जी महाविद्यालय पंडरिया सांसद प्रतिनिधि, श्री नंदकिशोर यादव जी, श्री अभिषेक शर्मा जी एवं खंड स्रोत समन्वयक श्री अर्जुन चंद्रवंशी जी, सहायक विख शिक्षाधिकारी श्री दीपक ठाकुर जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती के तैलीय चित्र की पूजा अर्चना, दीप प्रज्वलित व वंदना के साथ हुआ। अतिथियों के स्वागत के पूर्व मुख्यअतिथि जी का स्वागत उद्बोधन करते हुए संघ के ब्लॉक अध्यक्ष श्री रघुनंदन गुप्ता ने श्री पटेल जी के 20 वर्ष अधिक शिक्षकीय कार्यों, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक जीवन से परिचय कराते हुए उनके द्वारा जनमानस के लिए किए गए कृतित्वों से अवगत कराया गया। उनके गौसेवा के प्रति अविरल व अटूट प्रेम ने माता का आशीर्वाद स्वरूप उन्हें आज इस ऊँचाई पर पहुंचने का प्रमाण है। स्वागत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महोदय जी को खण्ड स्रोत समन्वयक श्री चंद्रवंशी जी एवं श्री दीपक ठाकुर जी द्वारा पुष्पमाला एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया। उपस्थित अतिथियों को पुष्पमाला से स्वागत किया गया। उद्बोधन की कड़ी में खण्ड स्रोत समन्वयक जी एवं सहायक विख शिक्षा अधिकारी श्री ठाकुर जी ने अपना विचार रखा।
मुख्य अतिथि श्री पटेल जी ने उपस्थित शैक्षिक समन्वयक एवं शिक्षकों को अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक में वह ऊर्जा छिपी है जो एक गौमाता के रोम-रोम में विद्यमान है। जिस प्रकार गाय किसी भी पदार्थ को खाकर अमृत बना देती है ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक का गुण होता है जो सभी प्रकार के ग्रन्थों, साहित्यों का अध्ययन कर सद्विचारों को परिमार्जित करते हैं। गौ माता का केवल दूध ही अमृत नहीं होता उसके गोबर और गौमूत्र से भी हमारे जीवन व स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी होता है। इसलिए गौमाता में विज्ञान समाहित है आज वैज्ञानिक गाय पर रिसर्च कर रहे हैं जिसे हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्षों पहले ही बता चुके हैं। उसके प्रत्येक अंग में भगवान की उपस्थिति अर्थात 33 कोटि देवता का निवास का भाव यह है कि गाय की घर मे रहना ही आपके आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि का कारण है। सनातन संस्कृति में अन्य पशुओं की तुलना में गाय को माता इसीलिए कहा गया है क्योंकि प्रत्येक दृष्टि से हमारे जीवन के लिए उपयोगी है। हमारे शरीर मे ब्लडप्रेशर के कम-ज्यादा का निदान भी देशी गाय में ही है। इसप्रकार से एक शिक्षक में वही समस्त सकारात्मक ऊर्जा का भाव गाय की भांति विद्यमान है बस उसको सही दिशा में लगाने का सद्विचार को प्रकट करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सहज एवं सरल व्यक्तित्व के धनी श्री पटेल जी को शैक्षिक समन्वयक संघ पंडरिया के समस्त पदाधिकारियों द्वारा अंगवस्त्र, श्रीफल, पुष्पमाला पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन कर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ एवं शैक्षिक समन्वयक संघ की ओर से कलेण्डर भेंट किया गया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष श्री एस पी डड़सेना, ब्लॉक उपाध्यक्ष श्री भागीरथी चन्द्राकर, श्री जितेंद्र चंद्रवंशी, सचिव श्री ईश्वर तिवारी, कोषाध्यक्ष श्री राजेन्द्र खांडे, श्री कन्हैया चन्द्राकर, श्री बिष्णु चन्द्राकर, श्री हमीदुल्ला खान, श्री उत्तम लॉयल, श्री काशीराम गोयल, श्री रामसनेही चन्द्राकर, श्री डालचंद चंद्रवंशी, श्री भागवत साहू,श्री सुरेंद्र नेताम, श्री कृष्णकुमार गुप्ता, श्री रामलेश चन्द्राकर सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षकगण उपस्थित थे।