कवर्धा बोडला:- कहानी: जल उत्सव का आयोजन।
6 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य के कबीरधाम जिले के बोडला ब्लॉक के गांव तितरी में जल उत्सव का शुभारंभ हुआ। यह भव्य आयोजन गांव के लोगों में जल संरक्षण और संवर्धन के प्रति जागरूकता लाने और उनके सक्रिय सहयोग से जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। इस अवसर पर लगभग 250 लोग उपस्थित थे, जिनमें स्थानीय नेता, सभी बीएलओ, विभाग प्रमुख, ग्रामीण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्कूल के छात्र शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ गंगा की आरती और नदी पूजन के साथ की गई, जिसमें सभी ग्रामीणों और विशेष अतिथियों ने भाग लिया। इस पावन समारोह के बाद, उपस्थित लोगों ने जल संरक्षण की शपथ ली और जलगांव उत्सव अभियान को आगे बढ़ाने की दिशा में संकल्प लिया। जल उत्सव के महत्व और उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए जल संपदा से संबंधित एक तथ्य पत्र भी जारी किया गया। इस तथ्य पत्र में गांव के जल संसाधनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई।
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण स्थानीय कला जत्था का नृत्य प्रदर्शन था, जिसने अनोखे तरीके से जल संरक्षण का संदेश प्रस्तुत किया। कला जत्था के सदस्यों ने पारंपरिक वेशभूषा पहनकर मंच पर नृत्य किया और संगीत के ताल पर जल के महत्व और उसके संरक्षण की अपील को दर्शाया। नृत्य के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया कि जल प्रकृति का एक अमूल्य उपहार है, जिसका हर बूंद का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। नृत्य की एक झलक में दिखाया गया कि कैसे पानी का महत्व हमारे जीवन के हर पहलू से जुड़ा है और कैसे एक-एक बूंद की बर्बादी हमारे भविष्य को अंधकार में डाल सकती है।
नृत्य प्रदर्शन में नदी, तालाब, झरने और वर्षा के रूपक का इस्तेमाल किया गया, जो गांव के लोगों के लिए बहुत प्रभावशाली था। इस प्रदर्शन में यह भी दिखाया गया कि जल संकट के कारण कैसे सूखा और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कलाकारों ने एक भावनात्मक नृत्य के माध्यम से दर्शाया कि जब हम पानी को संरक्षित करते हैं, तो न केवल हम अपनी ज़रूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि प्रकृति और पर्यावरण को भी संतुलन में रखते हैं।
मुख्य वक्ताओं में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई)/जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यपालन अभियंता ने जल संसाधनों की देखभाल और उनके कुशल उपयोग के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही जल संसाधन और सिंचाई विभाग के प्रमुख कार्यपालन अभियंता ने सिंचाई के जल संसाधनों और उनकी प्रमुख कार्यप्रणाली के बारे में बताया, और ब्लॉक कृषि अधिकारी ने गांव में उगाई जाने वाली फसलें, उनके क्षेत्र और माइक्रो इरीगेशन कवरेज की जानकारी दी।
इस महोत्सव में जल संरक्षण की दिशा में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। गांव के लोगों ने शिविर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया। इसके अलावा, विभिन्न जल प्रबंधन योजनाओं के तहत चल रही गतिविधियों और जल संसाधनों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां भी साझा की गईं।
साथ ही, तितरी गांव की जल संपदा जैसे अंडरग्राउंड वाटर टैंक, तालाब, नहरें और हैंडपंप का निरीक्षण किया गया और इन सभी जल संसाधनों को संरक्षित करने के उपाय सुझाए गए। विभागीय अधिकारियों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से गांव में पेयजल आपूर्ति के तरीकों के बारे में जानकारी दी, जबकि जल संसाधन विभाग ने जल स्रोतों के संरक्षण के सुझाव साझा किए और कृषि विभाग ने जल का कुशल उपयोग करने और सिंचाई की बेहतर योजनाओं के बारे में चर्चा की।
कार्यक्रम के समापन दिवस पर सभी ने एक बार फिर जल संरक्षण की शपथ ली और इस दिशा में निरंतर प्रयास करने का संकल्प लिया। समापन पर गांव के बुजुर्गों और जनप्रतिनिधियों ने जल उत्सव के सफल आयोजन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और इस आयोजन को गांव के लिए एक आदर्श बताया। इस महोत्सव ने ग्रामीणों को जल के महत्व और संरक्षण की आवश्यकता को भलीभांति समझाया और जल संवर्धन की दिशा में ठोस कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
इस प्रकार, तितरी गांव का जल उत्सव न केवल जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि जल प्रबंधन के कुशल तरीकों को अपनाने और जल संसाधनों की देखभाल के लिए सामूहिक प्रयास की भावना को भी सशक्त किया। कला जत्था के नृत्य प्रदर्शन ने लोगों के दिलों में जल के महत्व को गहराई से उतारा और गांव के हर व्यक्ति को जल संरक्षण का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया।