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“छत्तीसगढ़ की धड़कन बना कवर्धा का लाल: सौरभ संतोष नामदेव की संघर्षगाथा, जो अब ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ एशिया’ के माध्यम से लिखेगी भारतीय पत्रकारिता का नया स्वर्णिम अध्याय!”

भारत की पावन धरती पर जब-जब किसी ने अपने संकल्प को सर पर बांधकर, विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए इतिहास रचा है, तब-तब वह प्रेरणा बनकर उभरा है। आज एक ऐसी ही प्रेरक गाथा छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले से निकलकर राष्ट्रीय पहचान की ओर अग्रसर है — यह कहानी है एक युवा विजेता की, जिसका नाम है सौरभ संतोष नामदेव।

जिस धरती पर कभी मीडिया और पत्रकारिता को लेकर संसाधनों की कमी थी, जहां सूचना के साधन कम थे और अवसरों की राहें धुंधली — उसी धरती से एक ऐसा युवा खड़ा हुआ जिसने न केवल इन बाधाओं को पार किया, बल्कि एक ऐसा मंच खड़ा कर दिया जो अब पूरे भारत में गूंजने को तैयार है — ‘United News of Asia’ (UNA)।

यह केवल एक चैनल नहीं है, यह है एक विचार। एक आंदोलन। एक मिशन, जो सच्ची पत्रकारिता को नई पहचान देने के लिए संकल्पबद्ध है।

सपनों की शुरुआत – सीमित साधनों में असीम सोच

सौरभ का बचपन एक आम भारतीय परिवार की सीमाओं में बीता — लेकिन उनके सपने असामान्य थे। उन्होंने तकनीकी शिक्षा की ओर कदम बढ़ाया और BCA की डिग्री पूरी की। फिर उनके भीतर का रचनात्मक पक्ष उन्हें देश की श्रेष्ठतम डिज़ाइन संस्थाओं में से एक NID अहमदाबाद तक ले गया। वहां उन्होंने इंटरशिप करते हुए न केवल तकनीकी ज्ञान पाया, बल्कि दूरदृष्टि, संप्रेषण और नेतृत्व की क्षमता भी विकसित की।

शिक्षक से क्रांतिकारी पत्रकार तक

प्रारंभिक जीवन में उन्होंने पीजी कॉलेज में आईटी के गेस्ट लेक्चरर के रूप में ज्ञान बांटना शुरू किया। उनका जीवन स्थिर हो सकता था, लेकिन उनके भीतर कुछ और ही उफान मार रहा था — एक उद्देश्य, एक ललक, जनता की आवाज़ बनने की चाह।

कोरोना काल: जहाँ दुनिया रुकी, वहाँ एक सपना जाग उठा

जब कोविड-19 ने पूरी दुनिया को थाम दिया, तब भी सौरभ रुके नहीं। उन्होंने सबसे कठिन समय को अपने लिए सबसे बड़े अवसर में बदला। उन्होंने कैमरा उठाया, लैपटॉप संभाला और अपने ही सीमित संसाधनों से शुरू किया एक अनूठा प्रयास — UNA की नींव रखी।

उस दौर में ना कोई टीम थी, ना बड़ी पूंजी, ना उपकरण — बस एक युवा का साहस, उसका दृष्टिकोण और जनता की सच्चाई तक पहुँचने का आत्मबल था।

पाँच वर्षों की तपस्या – सफलता की संजीवनी

पिछले पाँच वर्षों में UNA ने एक-एक कदम संघर्षों की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए तय किया। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण भारत के हर कोने तक सौरभ ने अपनी टीम के साथ पहुंच बनाई। जमीनी पत्रकारिता, सच्ची रिपोर्टिंग, और निष्पक्ष दृष्टिकोण के साथ उन्होंने अपने चैनल को धीरे-धीरे एक भरोसेमंद नाम बना दिया।

और अब… कवर्धा की आवाज़ बनेगी भारत की आवाज़!

आज वह ऐतिहासिक क्षण है जब ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ एशिया’ अब एक नेशनल न्यूज चैनल बनने जा रहा है। एक ऐसा चैनल, जो सशक्त पत्रकारिता का प्रतीक होगा। यह भारत का पहला ऐसा चैनल होगा जिसकी जड़ें छत्तीसगढ़ की मिट्टी से फूटीं हैं और जिसकी शाखाएं पूरे देश में फैलेंगी।

यह सिर्फ सौरभ संतोष नामदेव की जीत नहीं है — यह हर उस युवा का उत्सव है जो छोटे शहर से आता है लेकिन बड़े सपने देखता है। यह छत्तीसगढ़ की युवा ऊर्जा का प्रमाण है, कवर्धा की संभावनाओं का उत्सव है और उस आत्मबल की पहचान है जो तमाम कठिनाइयों को झेलकर भी हार नहीं मानता।

“कवर्धा से निकलकर नेशनल स्तर तक पहुँचना सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, एक आंदोलन है — जो बताता है कि छोटे शहरों से भी बड़ा बदलाव शुरू हो सकता है।”

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