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अमेरिका में हिंसा बेकाबू, 40 शहरों में कर्फ्यू, ट्रंप ने दी सेना उतारने की चेतावनी

Donald Trump threatens military mobilization against violent US protests
Image Source : AP

वाशिंगटन: एक अश्वेत की मौत के बाद अमेरिका में जारी हिंसा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अराजकता फैलाने वालों पर वो सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने उन राज्यों को साफ साफ चेतावनी दी जो राज्य उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन नहीं ले रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि जो राज्य एक्शन नहीं ले रहे हैं, उन राज्यों में सेना की तैनाती कर दी जाएगी। बता दें कि 25 मई को एक अश्वेत की मौत के बाद अमेरिका के करीब चालिस से ज्यादा राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और जान माल को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “जॉर्ज फ्लॉयड की निर्मम हत्या से सभी अमेरिकी दुखी हैं और उनके मन में एक आक्रोश है। जॉर्ज और उनके परिवार को इंसाफ दिलाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मेरे प्रशासन की ओर से उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। मगर देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरी पहली प्राथमिकता इस महान देश और इसके नागरिकों के हितों की रक्षा करना है।”

उन्होंने आगे कहा, “सबसे पहले हम हमारे देश में फैले दंगे और अराजकता को खत्म करेंगे। मैंने सभी गर्वनरों से ये कहा कि वो जरूरी तादाद में नेशनल गार्ड को तैनात करें ताकि सड़कों पर अराजकता न हो। जब तक हिंसा का दमन नहीं हो जाता तब तक मेयर और गवर्नर को कानून को सख्ती से लागू करवाना होगा।”

ट्रंप ने कहा, “अगर किसी शहर या राज्य ने जान माल की हिफाजत के लिए कड़े एक्शन लेने से इनकार किया तो मैं अमेरिका में सेना तैनात करवा दूंगा और समस्या को हल कर दूंगा। मैं इस आतंक के आयोजकों से ये कहना चाहता हूं कि आपको कानून का सामना करना होगा और जेल जाना होगा।”

बता दें कि हिंसक प्रदर्शनों के छठे दिन अमेरिका में आक्रोश एवं भावनाएं उबाल पर हैं। इन हिंसक प्रदर्शनों में अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है, हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस के बंकर में शरण लेनी पड़ी है। अमेरिका में पिछले कई दशकों में अब तक के सबसे बड़ी नागरिक अशांति माने जा रहे ये हिंसक प्रदर्शन फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में कम से कम 140 शहरों तक फैल गए हैं।

कुछ प्रदर्शनों के हिंसक रूप ले लेने के बाद कम से कम 20 राज्यों में नेशनल गार्ड के सैनिकों की तैनाती कर दी गई है। वाशिंगटन पोस्ट ने खबर दी, “देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनों के उपद्रव का रूप ले लेने के बाद कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई।” खबर में बताया गया कि पुलिस ने सप्ताहांत में दो दर्जन अमेरिकी शहरों से कम से कम 2,564 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 20 प्रतिशत गिरफ्तारी लॉस एंजिलिस में हुई हैं। यह अशांति शुरुआत में मिनेसोटा के मिनीपोलिस से शुरू हुई थी लेकिन अब पूरे देश में फैल चुकी है जहां लॉस एंजिलिस, शिकागो, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फिलेडेल्फिया और वाशिंगटन डीसी समेत बड़े शहरों से हिंसा की खबरें आ रही हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया, “अमेरिका में पुलिस के हाथों एक और अश्वेत व्यक्ति की हत्या के बाद से राष्ट्रव्यापी अशांति के छठे दिन रविवार को भी भावनाओं, आक्रोश और जारी हिंसा की विस्फोटक स्थिति बनी हुई है।” बर्मिंघम में, प्रदर्शनकारियों ने कन्फेडरेट स्मारक को गिरा दिया जिसे शहर ने एक वाद के चलते तिरपाल से ढका हुआ था। बोस्टन में, पुलिस की एसयूवी को स्टेट हाउस के पास आग के हवाले कर दिया गया।

फिलेडेल्फिया में पुलिस अधिकारी दंगों के समय इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और बख्तरबंद वाहन में प्रदर्शनकारियों और लुटेरों को तितर-बितर करने के लिए मिर्च स्प्रे इस्तेमाल करते दिखे। न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों ने ब्रूकलिन और विलियम्सबर्ग पुलों पर मार्च कर यातायात को बाधित किया। कार ट्रैफिक के लिए मैनहेटन पुल को कुछ देर के लिए बंद रखा गया। यूनियन स्कॉयर में उथल-पुथल मच गई जहां कबाड़ में पड़े कैन और सड़क पर पड़े कूड़े को लगाई गई आग की लपटें दो मंजिला इमारत की ऊंचाई तक उठती दिखी।

खबर में कहा गया कि यह पहली बार है जब 1968 में डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद से इतने सारे अधिकारियों ने नागरिक अशांति को देखते हुए एक साथ ऐसे आदेश पारित किए हों। पुलिस ने रविवार को व्हाइट हाउस के पास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जिन्होंने प्रमुख इमारतों की खिड़कियों को तोड़ा, गाड़ियां पलट दीं और आगजनी की जहां वाशिंगटन स्मारक के पास से धुएं का गुबार उठता दिखा।

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