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कवर्धा : फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करने वालों की अब खैर नहीं.. बहुत जल्द सभी विभागों मे होंगी जांच पढ़े पूरी खबर

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कवर्धा : छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करने वालों पर अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ की सतत मांग और प्रयासों के बाद राज्य शासन ने बड़ा कदम उठाया है। आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में विभिन्न विभागों के प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि वे फर्जी दिव्यांगता के आरोपों से घिरे कर्मचारियों की जानकारी समय सीमा में प्रस्तुत करें और उन्हें राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष जांच के लिए भेजें।

राज्य शासन ने 2 जुलाई 2025 को पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता कार्यालय के बोर्ड रूम में राज्य मेडिकल बोर्ड की विशेष बैठक बुलाई है। जिन पर फर्जी दिव्यांग होने की आशंका और शिकायतों के आधार पर भौतिक जांच की जाएगी, जिनमें दिव्यांग प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता को लेकर शंका व्यक्त की गई है।

जिन कर्मचारियों पर जांच होनी है, वे शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, सामान्य प्रशासन, कृषि, विधि, पशुधन, जल संसाधन, आर्थिक एवं सांख्यिकी जैसे विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संबंधित अधिकारी अपने विभाग के इन कर्मचारियों को निर्धारित तिथि व समय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित कराएं। साथ ही जांच से पूर्व सभी को अपने चिकित्सीय दस्तावेज संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सकों से प्रमाणित कराकर उपलब्ध कराने होंगे।

यह कार्रवाई माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में लंबित याचिका WP(S) No. 3472/2023 (संजय कुमार मरकाम बनाम राज्य शासन) के आदेश के अनुपालन में की जा रही है। इससे न केवल फर्जी प्रमाणपत्र रखने वालों पर कार्रवाई होगी, बल्कि वास्तविक दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह कदम राज्य शासन की ओर से पारदर्शिता और न्यायसंगत नियुक्तियों की दिशा में एक मजबूत पहल के रूप में देखा जा रहा है।

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