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कवर्धा में अमन और शांति स्थापित करने के लिए सर्व समाज प्रमुखों ने निकाला शांति मार्च

कवर्धा में अमन और शांति स्थापित करने के लिए सर्व समाज प्रमुखों ने निकाला शांति मार्च

कवर्धा, 08 अक्टूबर 2021। कवर्धा शहर में अमन एवं शांति व्यवस्था पूनः स्थापित करने और कर्फ्यू में धीरे-धीरे शिथिलता लाने की ओर सर्व समाज ने अपना कदम बढ़ा दिया है। आज सर्व समाज के प्रमुखों, कवर्धा चेंबर ऑफ कामर्स, व्यापारी संगठनों द्वारा शांति मार्च का आयोजन किया गया। शांति मार्च में सर्व समाज प्रमुखों द्वारा कवर्धा शहर में घटी घटना की घोर निंदा की गई। शांति मार्च में शहर में पुनः अमन और शांति स्थापित करने, सदभावना, आपसी प्रेम भाईचारा और सामाजिक एकता का संदेश देते हुए नगर के विभिन्न वार्डो में भ्रमण किया गया। सर्व समाज प्रमुखों द्वारा नगर के संवेदनशील इलाकों में शांति मार्च निकालते हुए सभी लोगों से चर्चा कर कवर्धा में शांति और आपसी भाईचारा स्थापित करने के लिए अपील किया गया। शांति मार्च का आयोजन सर्व समाज  प्रमुखों के द्वारा आयोजित की गई थी जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा, कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, आईपीएस जितेन्द्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग, जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के., डीएफओं दिलराज प्रभाकर समाज प्रमुखों के साथ शांति का पैगाम देते हुए नगर भ्रमण किया गया। शांति मार्च की शुरूआत नगर पालिका कवर्धा से प्रारंभ हुआ। शांति मार्च भारत माता चौक से होते हुए जय स्तंभ चौक, विध्यवासिनी मंदिर मार्ग, आर्दश नगर, नवीन बाजार चौक, गुरूनानक चौक, ठाकुर देव चौक, दर्री पारा, महावीर स्वामी चौक, ठाकुर पारा, कबीर पारा, करपात्री चौक, शीतला चौक, राधा कृष्ण वार्ड, हैदर पारा चौक से होते हुए एकता चौक में रैली का समापन किया गया। एकता चौक में सर्व समाज प्रमुखों द्वारा हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आपस में हम भाई-भाई का संदेश देते हुए शांति मार्च का समापन किया गया।

 
नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि दो पक्षों में हुए वाद विवाद को जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित शांति समिति के बैठक में सर्व समाज प्रमुखों की उपस्थिति में सुलझा लिया गया था। लेकिन 5 अक्टूबर कवर्धा में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट गई। जिससे जिला प्रशासन द्वारा लोगो की जान माल की सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नगर पालिका क्षेत्र में कर्फ्यू लगाना पड़ा। हम सब शहर में अमन और शांति चाहते है। शहर में पुनः शांति स्थापित हो इसके लिए आज सर्व समाज प्रमुखों के द्वारा शांति का पैगाम देते हुए शांति मार्च का आयोजन किया गया। इस आयोजन से निश्चित ही आने वाले समय में शहर में अमन और शांति स्थापित होगा।
शांति मार्च के दौरान ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद चौबे ने कहा कि कवर्धा में घटित घटना घोर निंदा करते हुए कहा है कि कवर्धा शहर में सर्वधर्म के लोग आपसी सद्भावना के साथ निवास करते है। लेकिन आज तक इस तरह की उपद्रव और आपसी सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाली घटना घटित नहीं हुई है जैसा कि बताया जा रहा है इस घटना को अंजाम देने के लिए अलग-अलग जिलों से आए थे। यह निदंनीय है। अब सभी समाज को मिलकर पुनः शांति स्थापित के लिए काम करना होगा।
जैन समाज के अध्यक्ष राजेन्द्र बोथरा ने इस घटना में शामिल सभी उपद्रवियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
ठाकुर समाज के अध्यक्ष नरेश सिंह ठाकुर ने कहा कि इस घटना को समाज की अखंडता और एकता को देखते हुए जिला प्रशासन को निश्पक्ष कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि कवर्धा में आपसी भाईचारा और सामाजिक सौहार्द कायम है। हमारे समाज ने इस घटना को रोकने की पुर जोर से कोशिश की और वार्डवासियों को सुरक्षित रखने का काम किया गया।
अग्रवाल समाज से कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि इस घटना की शुरूआत से लेकर 5 अक्टूबर को हुए घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस हिंसात्मक हमले में शामिल दोनो पक्षों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
मुस्लिम समाज के अध्यक्ष सलीम गौरी ने बताया कि इस घटना के बाद सब के मन में पीड़ा है और वेदना है। जीवन के लिए शांति ही सबकुछ है। हमे आक्रोश से बचाना है और शांति का सरोवर बनना है। ताकि समाज में उबजे उग्रता को शांत कर सके। हमे सत्य और अंहिसा के मार्ग पर चलना चाहिए। मनुष्य सबसे सुंदर प्राणी है, जिसमें बुद्धि, हसने और बोलने की अलौकिक शक्तियां है। हमे एक जुटता के साथ मानव धर्म आपसी भाईचारा, सामाजिक सौहार्द को लेकर एकता का संदेश देना चाहिए।  
चेंबर ऑफ कार्मस के आकश आहुजा, दिनेश जैन ने बैठक में आम लोगों की सुविधा के लिए रोजमर्रा से जुड़े दैनिक उपयोगी, समानों की उपलब्धता के लिए व्यापारिक वर्ग को छुट देने की मांग की है। अकबर कुरैशी ने कहा कि शहर में बाहरी लोग भारी संख्या में यहा निवासी बन रहे है। ऐसे लोगों की पहचान करना चाहिए। उन्होंने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि काई भी विवाद एक पक्ष से शुरू नहीं होता, ताली दोनो हाथों से बजती है। हमे दोनो पक्षों को आपस में समझाकर शांति का मार्ग ढूढंना होगा। ताकि पुनः आपसी भाईचारा और संप्रादायिक एकता स्थापित हो सके। शांति मार्च में में गुप्ता समाज, सिक्ख समाज, इसाई समाज, पटेल समाज, आदिवासी समाज, यादव समाज, देवागंन समाज, कलार समाज, कबीरपंथ, पाली समाज प्रमुखों के अलावा इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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