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सभी के लिए स्वास्थ्य के अभियान को मजबूत करने की जरूरत – अमूल्य निधि

सभी के लिए स्वास्थ्य के अभियान को मजबूत करने की जरूरत – अमूल्य निधि

जन स्वास्थ्य अभियान छत्तीसगढ़ द्वारा 17 अगस्त 2024 को राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन जन स्वास्थ्य सहयोग परिसर, गनियारी बिलासपुर में किया गया। सम्मेलन में राज्य के 29 जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। स्वास्थ्य की परिस्थिति और राज्य की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं पर विस्तृत चर्चा किया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मेडिकल डॉक्टर्स, नीतिगत, कानूनी विशेषज्ञों और अभियान के राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सम्मेलन की शुरुवात चंद्रकांत यादव ने स्वास्थ्य की परिस्थिति और सम्मेलन के उद्देश्य की जानकारी देते हुए सभी का स्वागत किया।

सम्मेलन में प्रमुख रूप से चार सत्रों में कार्यक्रम किया गया। जिसमें प्रथम सत्र की अध्यक्षता एवं संचालन डाक्टर गजानन फुटके जन स्वास्थ्य सहयोग के द्वारा किया गया। विभीषण पात्रे संयोजक दलित अधिकार अभियान छत्तीसगढ़ के द्वारा छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य समस्याओं एवं चुनौतियों को विस्तार से बताया जिसमें शुद्ध पेयजल, पोषण, जातिवाद, भेदभाव, सांप्रदायिकता एवं मुलभुत स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रकाश डाला। ईतवारी राम मछिया बैगा प्रदेश अध्यक्ष आदिम जाति बैगा समाज छत्तीसगढ़ ने राज्य के पीविटीजी समूहों की समस्या को रखा। सुखमती बघेल सामाजिक कार्यकर्ता बस्तर ने आदिवासी स्वास्थ्य के बारे में बताया। रोहित राज पाटिल जनहित समिति द्वारा घूमन्तु जनजाति लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को रखा गया । सविता रथ ने पर्यावरणीय और मजदूरों के स्वास्थ्य की बात रखी, खनन और विकास परियोजनाओं में स्वास्थ्य के प्रभाव का आंकलन करने पर जोर दिया। डॉक्टर गजानन फुटके ने प्राथमिक स्वास्थ्य की जरूरत, मलेरिया बीमारी से हो रही मौतों पर चिंता व्यक्त किया। दूसरे सत्र का संचालन करते हुए प्रकाश गार्डिया ने नीतिगत मामले और राज्य के स्वास्थ्य सूचकांकों का जिक्र करते हुए परिस्थिति से अवगत कराया।

*जन स्वास्थ्य अभियान के राष्ट्रीय सहसंयोजक अमूल्य निधि ने कोविड- 19 की वैश्विक महामारी की याद दिलाते हुए सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की बात कही, नीति आयोग द्वारा की जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निजी हाथों को सौंपने की पहल से होने वाले दुष्परिणामों को बताया और स्वास्थ्य से जुड़े व्यापक मुद्दों पर अभियान को मजबूत करने की बात कही। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य के निजीकरण करने के सरकार की मंशा से छत्तीसगढ़ के लोगो को सचेत किया। उन्होंने यूनिवर्सल हेल्थ केयर और कवरेज के अंतर को समझाते हुए बीमा आधारित स्वास्थ्य सेवा व्यापक समस्या का हल नहीं है तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया।* जन स्वास्थ्य सहयोग के डॉक्टर पंकज ने हेल्थ फार आल नाउ की घोषणा को याद दिलाते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को समुदाय स्तर पर मजबूत करने पर जोर दिया।
अभियान के राष्ट्रीय सहसंयोजक गौरांगों मोहपात्रा ने क्लिनिकल इस्टेबलिस्मेंट एक्ट 2009 के माध्यम से निजी स्वास्थ्य सेवा के रेट रेगुलेशन और स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलेंस को लागू करवाने के लिए एडवोकेसी की बात कही और कोर्ट केस का भी जिक्र किया। सम्मेलन की अंतिम सत्र का संचालन अधिवक्ता दिव्या जायसवाल के द्वारा किया गया। सम्मेलन में अतिमहत्वपूर्ण निर्णय पारित किया गया। राज्य संयोजक का चुनाव, कोर कमेटी का गठन, जिला प्रतिनिधि का चयन किया गया एवं राज्य के स्वास्थ्य मुद्दे, प्रमुख 6 विषय वस्तु आधारित वर्किंग प्लान पेपर वर्क एवं सभी जिला प्रमुखों का दो दिवसीय स्वास्थ्य क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्णय पारित किया गया। राज्य सम्मेलन में 11 सदस्यों की तकनीकी एवं कोर टीम का गठन करते हुए आगामी 3 वर्ष के लिए छत्तीसगढ़ जन स्वास्थ्य अभियान के राज्य संयोजक के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकांत यादव को सर्व सम्मति से चुना गया। इसके साथ साथ सभी जिलों से आये हुए लोगों में से एक एक प्रतिनिधि को जिला प्रमुख के रूप में चुना गया। सभी जिला प्रमुख राज्य तकनिकी कोर टीम के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए जमीनी स्तर पर कार्य को आगे बढ़ायेंगें। सम्मेलन का सफल संचालन दीपक कुमार बागरी जी के द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन अनिल बामने के द्वारा किया गया। राज्य स्तरीय जन स्वास्थ्य अभियान सम्मेलन को सफल बनाने कोर टीम का सक्रिय एवं उल्लेखनीय योगदान रहा।

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