शिक्षा के मुख्यधारा में लौटे स्कूल से वंचित कबीरधाम जिले के 78 विद्यार्थी
कबीरधाम जिले के सुदूर वनांचल ग्राम बोक्करखार के आश्रिम गांव कुण्डपानी और मांदीभाठ में शुरू हुआ सामुदायिक पुलिंग के तहत ओपन स्कूल
पुलिस विभाग की अभिनव पहल-कबीरधाम पुलिस द्वारा आयोजित ओपन स्कूल अस्थाई कोचिंग युवाओं के लिए साबित रहे मददगार
कलेक्टर शर्मा ने कहा-प्रतिभाशाली युवाओं के लिए जिलें में निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था
नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा-जिले में आगे में संचालित होते रहे सामुदायिक पुलिसिंग के तहत ओपन स्कूल
कवर्धा, 10 अगस्त 2021। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में सामुदायिक पुलिसिंग द्वारा वर्ष 2018 से शुरू की गई ओपन स्कूल व अस्थाई कोचिंग व्यवस्था शिक्षा से वंचित युवाओं और गृहणियों के लिए बहुत अच्छा मददगार साबित हो रहा है। पुलिस विभाग की इस अभिनव व्यवस्था से कबीरधाम जिले के आदिवासी एवं बैगा बाहुल बोड़ला और पंडरिया विकासखण्ड के सुदूरू वनाचंल में निवारसरत लगभग 78 विद्यार्थियों में शिक्षा के मुख्यधारा में वापस ला लिया गया है। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक ओपन स्कूल व अस्थाई कोचिंग के माध्ययम से कक्षा दसवीं में 43 और कक्षा बारहवीं में 35 कुल 78 विद्यार्थियों ने अच्छे परिणाम के साथ पास हुए है।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, जिले के नवदस्थ पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग और वनमंडलाधिकारी दिलराज प्रभाकर की उपस्थिति में आज सामुदायिक पुलिसिंग की ओपन व अस्थाई शैक्षणिक संस्थान की श्रृंख्ला को आगे बढ़ाते हुए बोडला विकासखण्ड के सुदूर व दुर्गम पहाड़ियों के बीच बसे ग्राम बोक्करखार के आश्रित दो अलग-अलग गांव कुण्डपानी और मांदीभांठ में ओपन स्कूल का शुभांरभ किया गया। गांव के एक स्कुली विद्यार्थी के हाथों ओपन कोचिंग क्लास का शुभारंभ कराया गया। शुभारंभ के अवसर पर स्थानीय स्कूली बच्चों और ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को कापी, पुस्तक, पेन और स्कूली बैग वितरण किया गया। इस अवसर पर बोक्करखार सरपंच अमित यादव, कैलाश मेरावी, प्रेम सिंह नायक, बोडला एसडीओपी जगदीश उईके, कुण्डपानी कंपनी के कमांडर अर्जुन सिंह, चिल्फी थाना प्रभारी रमाकांत तिवारी, झलमला के प्रभारी सुमित नेताम, रेंगाखार प्रभारी राकेश लखड़ा सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि कबीरधाम जिले में पुलिस विभाग सामुदायिक पुलिसिंग ओपन स्कूल व कोंचिन की व्यवस्था शुरू की गई है, वह जिले सूदूर और दुर्गम पहाड़ियों में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति और मैदानी क्षेत्रों के उन युवाओं और गृहणियों के लिए संजीवनी साबित हो रही है, जो किसी कारणवश स्कूल की आगे की पढ़ाई छोड़ दिए है। शिक्षा के मुख्यधारा में वापस लाने का यह प्रयास सराहनीय है। उन्होने कहा कि दसवी और बारहवीं ओपन स्कूल के माध्यम से जो विद्यार्थी पास हुए और वह आगे पढाई करना चाहते या अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते है, ऐसे युवाओं को उनके सपने पुरे करने के लिए जिला प्रशासन उनके साथ है। उन्होने कहा कि जिले के प्रतिभाशाली युवाओं को सभी प्रकार के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए जिले में सुपर 50 कोचिंग की व्यवस्था शुरू की गई है। इसके आलावा जिले में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले अन्य प्रतियागिता परीक्षा के लिए आवासी कोचिंग की व्यवस्था बनाई गई है। उन्होने कहा कि इन सभी प्रकार के कोचिंग में प्रवेश के लिए दरवाजा हमेशा खुला है।
जिले के नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग ने कहा कि वर्ष 2018 में जिले में शिक्षा से वंचित युवाओं को शिक्षा के मुख्यधारा में वापस लागे के उद्देश्य से सामुदायिक पुलिसिंग ओपन व कोंचिग अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान अब जिले के युवाओं के लिए उनके सपने पूरे करने में काफी मददगार साबित हो रही है। उन्होने इस अभियान के लिए जिले के तत्कालिन पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद के कार्यों की सराहना भी की। उन्होने कहा कि पुलिस विभाग की यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। पुलिस विभाग द्वारा जिला स्तर पर निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। उन्होने कहा कि शिक्षा विकास के मुख्य मार्ग है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम संचालित है। युवाओं को आगे बढ़कर लाभ लेना चाहिए।
वनमंडलाधिकारी श्री दिलराज प्रभाकर ने कहा कि पुलिस प्रशासन के इस अभियान में जिल प्रशासन के साथ साथ पूरा वन अमला भी उनके साथ है। उन्होने कहा कि ओपन स्कूल व कोचिंग संचालन में किसी भी प्रकार की मदद की आवश्यकता होगी तो वन विभाग के अमला पूरा सहयोग करेगा। उन्होने वनांचल में निवासरत युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अलग-अलग प्रतियोगिता की तैयारियों के लिए विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ रोजगार अवसर भी अनेक है।