पुलिस अधीक्षक कार्यालय केसीजी में 23.08.2024 से आयोजित है एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम।


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💥 क्रमोन्नत वेतनमान मेट्रिक्स 06 श्रेणी वाले वरिष्ठ आरक्षकों को अपराध विवेचना करने किया जा रहा है प्रशिक्षित।

💥 पुलिस अधीक्षक श्री त्रिलोक बंसल (भा.पु.से.)ने किया प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मलित प्रशिक्षणार्थी वरिष्ठ आरक्षकों को सम्बोधित।

💥 अब वरिष्ठ आरक्षक करेंगे भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत तीन वर्ष तक सजा वाले मामले की विवेचना।
केसीजी। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के वरिष्ठ आरक्षकों को छत्तीसगढ़ शासन गृह मंत्रालय द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत तीन वर्ष तक सजा वाले आपराधिक मामलों की विवेचना का अधिकार के सम्बंध में जारी अधिसूचना के परिपालन में पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल के निर्देशन में दिनांक 23.08.2024 दिन शुक्रवार को जिला केसीजी के 65 वरिष्ठ आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय केसीजी के मीटिंग हॉल में अपराध विवेचना के सम्बंध में प्रशिक्षण दी गई। जिन आरक्षक ने पुलिस विभाग में 10 वर्ष की सेवा निर्विवाद रूप से पूरी कर ली है, उन्हें वरिष्ठ आरक्षक की श्रेणी में रखा गया है। जिले में ऐसे 113 आरक्षक पदस्थ हैं, उनके लिए वरिष्ठ आरक्षक अपराध विवेचना प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की गई है प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ आरक्षकों को तीन वर्ष तक के सजा के प्रावधान वाले प्रकरणों की अपराध विवेचना का प्रशिक्षण दी जाएगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ दिनाँक 23.08.2024 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय केसीजी मीटिंग हॉल में पुलिस अधीक्षक श्री त्रिलोक बंसल द्वारा किया गया। पुलिस अधीक्षक महोदय ने अपने उद्बोधन में विभाग के इस प्रयास से विवेचना कार्य में तेजी आने और वरिष्ठ आरक्षकों को उनके व्यवसायिक दक्षता के लिए प्रोत्साहन मिलने तथा आम जनता को न्याय मिलने में अकारण विलम्ब नही होगा बताये। इस मौक़े पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती नेहा पाण्डेय ने यह बताया कि किस प्रकार से अनुशासन में रहते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करना है उपस्थित , प्रदीप येरेवार, उप पुलिस अधीक्षक,(जिला मुख्यालय) लालचंद मोहले पुलिस अनुविभागीय अधिकारी खैरागढ़, उप पुलिस अधीक्षक प्रतिभा लहरें, निरीक्षक अनिल शर्मा (साइबर सेल प्रभारी केसीजी), निरीक्षक , निरीक्षक श
शिव शंकर गेंदले (थाना प्रभारी छुईखदान), निरीक्षक भीमसेन यादव (थाना प्रभारी गडई), निरीक्षक आलोक साहू (थाना प्रभारी मोहगांव), निरीक्षक धर्मेंद्र वैष्णव (थाना प्रभारी साल्हेवारा), उप निरीक्षक वीरेंद्र चंद्राकर ( चौकी प्रभारी जालबांधा), उप निरीक्षक महिला सेल प्रभारी प्रियंका पैंकरा, उप निरीक्षक बिलकिश बेगम खैरागढ़, सउनि टैलेश सिंह, प्रधान आरक्षक प्रदीप जंघेल, प्रभारी NAFIS, आरक्षक भारतभूषण भूआर्य प्रभारी CCTNS उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मलित वरिष्ठ आरक्षकों को उप पुलिस अधीक्षक प्रतिभा लहरें एवं जितेन्द्र ने बंजारे महिला संबंधी अपराध एवं मिथ्या साक्ष्य, लोक न्याय की जानकारी देते हुए, अपराध विवेचना के आदर्श प्रारूप एफ आई आर, धटना स्थल निरीक्षण व मौका नक्शा, जप्ती प्रक्रिया, गिरफ्तारी की प्रक्रिया/ सावधानी तथा अभियोगपत्र/ चालान तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने की चरणबद्ध प्रक्रिया के सम्बंध में प्रशिक्षण दिया। इसी प्रकार निरीक्षक शिवशंकर गेंदले व उप निरीक्षक वीरेंद्र चंद्राकर द्वारा लोक सेवकों, लोक प्रशांति आदि से जुड़े अपराधो के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई l प्रशिक्षण में उपस्थित निरीक्षक श्री भीमसेन यादव के द्वारा कानून संबंधी प्रक्रिया में आने वाले बाधाओ का किस प्रकार कार्यवाही किया जाना है इस संबंध में जानकारी दिया गया l निरीक्षक श्री आलोक साहू द्वारा संपति विरुद्ध अपराधो के विषय में धाराओं सहित कार्यवाही के संबंध में संपूर्ण जानकारी दी गयी l साइबर प्रभारी श्री अनिल शर्मा जी ने साइबर संबंधी अपराधो की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि वर्तमान समय में अपराधो में जुड़ी घटना स्थलों का वीडियो ग्राफी, सीसीटीवी फुटेज, व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों का उपयोग किस प्रकार से अपराधो के निराकरण हेतु किया जा सकता है l श्री टैलेश सिंह साइबर सेल खैरागढ़ ने समर्थ अभियान की महत्ता को बताते हुए आगामी समय में होने वाले साइबर जागरूकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई l NAFIS प्रभारी प्रदीप जघेल ने अपराधो से जुड़े व्यक्ति अथवा संदिग्ध व्यक्तियों का फिंगर प्रिंट किस प्रकार लिया जाना है और किस प्रकार से आरोपियों तक पहुंचा जा सकता है, इसी प्रकार सीसीटीएनएस प्रभारी श्री भारत भूषण जी ने सीसीटीएनएस के महत्व को बताते हुए E- FIR व जीरो प्रथम सूचना प्राधिकरण की विस्तृत जानकारी दिया गया l प्रशिक्षण की अंतिम चरणों में समस्त विवेचनाओं का सारगर्भित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती नेहा पाण्डेय ने कानूनी धाराओ पर प्रकाश डालते हुए, e – साक्ष्य प्रशिक्षण दिया गया एवं भारतीय न्याय संहिता के इन मामलों का वरिष्ठ आरक्षक कर सकेंगे विवेचना: भारतीय न्याय संहिता की धारा 115,296,351 (सामान्य मारपीट – 294, 506 IPC),
धारा 281,125A, 125B ( सडक दुर्घटना के मामले 279, 337, 338 IPC), धारा 77,78,79 (छेड़खानी के मामले 354, 509 IPC) धारा 324A, 325 (रिष्टि के मामले 425, 426, 427,428, 429 440 IPC) इत्यादि मामलों की जाँच/विवेचना और इसके अलावा ऐसे मामले जिसमे तीन साल तक सजा का प्रावधान है, वरिष्ठ आरक्षकों से विवेचना कराया जा सकता है। साथ में यह भी बताया कि समय -समय पर इस प्रकार कार्यशाला का आयोजन कर विवेचकों को प्रशिक्षित किया जाएगा l