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धर्मयात्रा त्रिपर सुंदरी के दर पर हुआ मातृ शक्ति सम्मान,मंदिर निर्माण के लिए मिला सहयोग,सांसद भी हुए शामिल

धर्मयात्रा त्रिपर सुंदरी के दर पर हुआ मातृ शक्ति सम्मान,मंदिर निर्माण के लिए मिला सहयोग,सांसद भी हुए शामिल

AP न्यूज़

छुईखदान – धर्मयात्रा का 46वां पड़ाव मां दुर्गा पंडाल पुराना बस स्टैंड छुईखदान में सम्पन्न हुआ। वहीं सुंदरकांड व हनुमान चालीसा पाठ के दौरान पहुंचकर सांसद संतोष पांडे ने भी मां त्रिपुर सुंदरी का आशीर्वाद लिया। जानकारी अनुसार बता दे कि यहाँ मां की प्रतिमा रखने का चलन 38 वर्ष से है। जगन्नाथ सेवा समिति के सदस्य संजीव दुबे के बड़े भाई स्व.जितेंद्र दुबे ने परंपरा को आरंभ किया गया था । बता दे की इस वर्ष मां त्रिपुर सुंदरी रूप में विराजमान हुईं। हल्की बारिश के बीच आरंभ हुए पाठ में बड़ी संख्या में मातृ शक्तियां शामिल हुईं। 46 वां पड़ाव मातृ शक्तियों को समर्पित रहा। इसलिए छुईखदान में धर्म जन जागरण में रत मातृ शक्तियों को सम्मानित किया गया। धर्मयात्रा में सतत भागीदारी गायिका विधा सिंह राठौर के हाथों इन सभी मातृ शक्तियों का सम्मान कराया गया। विधा ने जस गीतों का ऐसा शमां बांधा जिसने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया जहा धर्मयात्रा में बड़ी संख्या में नगर व ग्रामवासी शामिल रहे।

प्राप्त राशि को ऑनलाइन किया गया ट्रांसफर

धर्मयात्रा के 46 वें पड़ाव में श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण के लिए 2000 रूपए दुर्गा उत्सव समिति द्वारा,2100 रूपए दुबे परिवार द्वारा,1000 राजेंद्र सोनी जी के परिजनों द्वारा प्रदान किए गए। जिन्हें ऑनलाइन ट्रस्ट समिति के खाते में श्री जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष श्री आदित्य देव जी द्वारा ट्रांसफर कराया गया।

प्रकृति और संस्कृति दोनों को बचाने मातृ शक्तियां आगे आएं – भागवत शरण सिंह

धर्मयात्रा के दौरान अब प्रत्येक पड़ाव में मौजूद जन समुदाय को धर्म संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया जा रहा है। धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने कहा कि सनातन धर्म जड़ों से प्रकृति से जुड़ा है। प्रकृति और संस्कृति दोनों को बचाने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। क्योंकि परिवार व समाज की पोषक मातृ शक्तियां ही होती हैं। और यदि मातृ शक्तियां प्रकृति के संरक्षण और धर्म संरक्षण की कमान संभालें तो कभी भी धर्म को क्षति नहीं पहुंच सकती। क्योंकि धर्म व प्रकृति संरक्षण का यह विचार मातृ शक्तियों के माध्यम से संस्कारों में घुल जाएगा।

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