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शैक्षणिक भ्रमण में प्राकृतिक, ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व को बताया गया।

शैक्षणिक भ्रमण में प्राकृतिक, ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व को बताया गया।

पंडरिया- ब्लाक के कुंडा मिडिल स्कूल के छात्र-छात्राओं को शनिवार को चैतुरगढ़ व रतनपुर का भ्रमण कराया गया।  शैक्षणिक भ्रमण में प्राकृतिक व ऐतिहासिक स्थल चैतुरगढ़ का भ्रमण कराया गया। इस दौरान प्रधान पाठक कुमुदिनी तिवारी व मोहन राजपूत ने विद्यार्थियों को मैकल पर्वत श्रृंखला की जानकारी देते हुए नदी-नालों के स्त्रोत व उदगम स्थलों की जानकारी प्रदान करते किया।साथ एतिहासिक महत्व की जानकारी दी।

उन्होनें पर्वत व जंगल के गुफाओं ,कंदराओं,वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास बताया तथा चैतुरगढ़ के प्राकृतिक महत्व व अजय गढ़ होने की बात छत्र-छात्राओं को बताई।साथ ही यहां स्थित तीन द्वार के संबंध में जानकारी दी गई। शिक्षक कलीराम चंद्राकर, सालिक यादव व प्रवीण राजपूत ने पेंड़ पौधों का मानव जीवन पर प्रभाव,पहाडियो व इसमे प्रवाहित झरने व नदियों के प्रभाव के संबंध में छात्र-छात्राओं को जानकारी दी।

इसके अलावा चैतुरगढ़ के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ 36 गढ़ों से मिलकर बना है,जिसमे से एक गढ़ चैतुरगढ़ -लाफागढ़ है।दुर्गम होने के कारण लाफागढ़ अजेय रहा है। जिसके पश्चात बच्चों को धार्मिक स्थल रतनपुर का भ्रमण कराया गया।जहां शिक्षक राजेश सोनी व गिरिजा पटेल ने रतनपुर के ऐतिहासिक व राजनैतिक महत्व को बताया ।जिसमे रतनपुर के पूर्व में राजधानी होने ,नगर में सतीप्रथा से जुड़े स्थलों,व महामाया के महत्व तथा पौराणिक,धार्मिक महत्व की जानकारी बच्चों को दी गयी।इसके साथ ही साथ रतनपुर स्थित राम टेकरी सहित अन्य मंदिरों व उनके महत्व के संबंध में जानकारी प्रदान किया गया। भ्रमण के दौरान परदेसी राम पटेल,बांके यादव सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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