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कवर्धा :  इस वर्ष जिले में 145 से अधिक मौत सड़क दुर्घटनाओं से..बीती  रात हुआ घटना 1 युवक कि मौके पर मौत

कवर्धा :  इस वर्ष जिले में 145 से अधिक मौत सड़क दुर्घटनाओं से..बीती  रात हुआ घटना 1 युवक कि मौके पर मौत

कवर्धा :  इस वर्ष जिले में 145 से अधिक मौत सड़क दुर्घटनाओं से..बीती रात हुआ घटना 1 युवक कि मौके पर मौतटीकम निर्मलकर AP न्यूज़ पंडरिया : जिले में तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है चाहे वह दोपहिया वो या फिर चार पहिया गाड़ियों की भरमार हो गई है। वाहनां की संख्या के साथ दुर्घटनाएं भी बढ़ रही है। दिन हो या फिर रात सड़क दुर्घटनाएं हो रही है जिससे कि जानमाल की क्षति हो रही है। घर उजड़ रहे हैं। सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम बेहद जरूरी है। कुकदुर थाना अंतर्गत सोमवार की दोपहर को ग्राम मुनमुना गांव के पास ही एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। बाइक सामने से आ रहे हाइवे से जा टकराया। हाइवा दो मीटर तक घसीटते ले गया और फरार हो गया।मिली जानकारी के अनुसार ग्राम सिंगपुर निवासी तुलाराम मरकाम बाइक सीजी 09जेजे 7506 से पंडरिया जा रहा था। दोपहर 12 ग्राम मुनमुना बस्ती जाने के पास मोड़ है जो पंडरिया बजाक रास्ता है। पंडरिया तरफ से हाइवा आ रहा था जो मोड़ में था मोटर साइकिल सवार सीधा हाइवा से टकरा गया। करीब दो मीटर तक मोटर साइकिल को घसीटते ले गया। बाइक सवार युवक सड़क किनारे गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। करीब आधे घंटे के बाद कुकदुर पुलिस और संजीवनी 108 को कॉल किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए कुकदुर अस्पताल ले जाया गया। युवक के सिर फ ट गया था और चेहरा भी सड़क में घसीटने से पूरी तरह से बिगड़ गया। फिलहाल कुकदुर पुलिस टीम मामले में मर्ग कायम कर लिया है और हाइवा वाहन के चालक की तलाश कर रही है।
नशे के चलते अधिक हादसे
सड़क दुर्घटनाओं का सबसे प्रमुख कारण नशे की हालत में वाहन चलाना है। पुलिस भी यही मानती है कि शराब या अन्य नशे की हालत में वाहन चलाने से ही चालक अनियंत्रित हो जाते हैं और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है। इसमें मोटर साइकिल चालकों की संया ज्यादा है, लेकिन इसमें कार, पिकअप, मेटाडोर, ट्रैक्टर और ट्रक चालक भी पीछे नहीं है। खुद के साथ दूसरों की जान भी मुश्किल में डाल रहे हैं। वहीं वाहन चालक सबसे अधिक शाम से रात के बीच ही नशे में रहते हैं जिसके कारण हादसे भी इसी दौरान सबसे अधिक होते हैं। इस कारण को हर कोई भती भांति जानते हैं बावजूद इसमें लापरवाही बरती जा रही है।
ब्लॅक स्पॉट्स चिंहित, लेकिन कार्य नहीं
हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के मॉनिटिंरग के रिपोर्ट के आधार पर ब्लैक स्पॉट्स और ग्रे-स्पॉट्स का चिन्हांकन किया जाता है। चिन्हांकित उन्हीं जगह को किया जाता है जहां पर अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती है। लेकिन केवल जगह चिन्हांकित कर देने से क्या होता है वहां पर सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए भी योजना होनी चाहिए। जिला और पुलिस प्रशासन केवल जगह चिन्हांकित इतिश्री कर देती है, जबकि दुर्घटनाएं होती रहती है।
सडकें चौड़ी, बावजूद दुर्घटनाएं अधिक
रायपुर-जबलपुर नेशनल हाइवे की भले ही चौड़ीकरण हो चुका हो, लेकिन डिवाइडर और स्ट्रीट लाइट के चलते इस मार्ग पर आए दिन हो या रात लगातार दुर्घटनाएं ही हो रही है। इसी मार्ग सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती है जिससे सड़कें खून से लाल हो रही हैं। दुर्घटनाओं से कई परिवार उजड़ रहे हैं। मार्ग पर सुविधाओं का अभाव है जिसके कारण कई बार असमंजस्य के कारण ही चालक अन्य वाहनों से टकरा जाते हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरुरत है।
कारण- रफ़्तार से वाहन चालन
मोटर साइकिल और कार द्वारा शहर से बाहर जो दुर्घटनाएं होती हैं, वह तेज रतार से वाहन चालन के कारण होता है। ऐसे वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे से भी कहीं अधिक होती है। शहर की भीतर अधिकतम रतार 20 और शहर से बाहर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रतार से वाहन चालन किया जाना चाहिए, लेकिन मापदंडों का पालन नहीं होता और दुर्घटनाएं होती हैं।
कारण- हेलमेट की अनदेखी
सड़क दुर्घटना के दौरान जो मौतें होती हैं, इसमें अधिकांश मौतें सिर डैमेज होने के कारण ही होती है। मोटर साइकिल चालन के समय हेलमेट न पहनना भारी भूल साबित होती है। दुर्घटना के दौरान सबसे पहले सिर ही जमीन से टकराता है। 80 फीसदी सड़क दुर्घटना में मौत का मुय कारण सिर पर गहरी चोट के कारण ही होती है। तभी तो हेलमेट पहनना इसीलिए अनिवार्य किया गया है।
कारण-नियमों को पालन नहीं
जिले में साल दर साल सड़क हादसे बढ़ते ही जा रहे हैं। हादसे के ढेरों कारण हो सकते हैं, लेकिन इसमें मुय कारण यातायात नियमों की अनदेखी करना ही है। यातायात नियमों की अनदेखी करना ही सबसे बड़ी भूल है, जिसके कारण सड़क हादसे होते हैं, लोग घायल होते हैं, मौत होती है, जान माल की हानि होती है। इस वर्ष ही सड़क दुर्घटनाओं में 145 से अधिक लोगों की मौत हुई।

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