दुर्ग । दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित कर अबूझमाड़ के दुर्गम जंगलों में बसे हांदावाड़ा वाटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग किया है,उन्होंने बताया कि अगर यहां टूरिस्ट को आने-जाने की सहूलियत मिल जाए तो यह देश के खास टूरिस्ट स्पॉट में शामिल हो सकता है।डॉ. प्रतीक उमरे ने धुर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के दुर्गम जंगलों में बसे हांदावाड़ा वाटरफॉल ट्रेक को सफलता पूर्वक पूर्ण किया। नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक में स्थित हांदावाड़ा गांव तक पहुंचने के लिए अबूझमाड़ के दुर्गम जंगल का सफर आसान नहीं है।दंतेवाड़ा के बारसूर नगर पंचायत की ओर से इंद्रावती नदी के उस पार माड़ का इलाका शुरू होता है। नक्सल प्रभावित इस इलाके में नदी-नाले पार कर पैदल ही सफर करना होता है,हांदावाड़ा जलप्रपात के बारे में पर्यटन विदों का दावा है कि यह न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देश का सबसे बड़ा जलप्रपात है। लेकिन माओवादी समस्या एंव पहुंच विहिन इलाका होने के कारण हांदावाड़ा जलप्रपात पर्यटकों की नजर से ओझल बना हुआ है।
घने जंगलों के अंदर करीब 500 फीट की ऊंचाई से गिरते इस वाटरफॉल के नजदीक अब तक बेहद कम लोग पहुंच पाए हैं। बाहुबली- 2 की शूटिंग के लिए इस जगह को सिलेक्ट किया गया था। लेकिन शूटिंग की परमिशन नहीं मिली।डायरेक्टर एसएस राजामौली और प्रोड्यूसर अमित मासुरकर अपनी फिल्म बाहुबली-2 में झरने के सीन के लिए हांदावाड़ा वाटरफॉल काे चुना था।इसको देखने के लिए डायरेक्टर ने अपनी एक टीम भी बस्तर भेजी थी। टीम ने हांदावाड़ा जाकर इसकी तस्वीरें खींची और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की।लेकिन पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा सिक्युरिटी न दे पाने और परमिशन न मिलने के कारण यहां शूटिंग कैंसल करनी पड़ी।दरअसल,यह वाटरफॉल हार्डकोर नक्सली इलाके में है। इस जगह पर नक्सलियों का ऐसा आतंक है कि यह ख़ूबसूरत जगह दुनिया की नजरों से दूर है। ये झरना जितना हसीन है, वहां तक पहुंचना उतना ही कठिन है। सबसे पहले मीलों तक हार्डकोर नक्सल इलाका,फिर बीच में इंद्रावती नदी। पूर्व एल्डरमैन ने इस विषय मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संज्ञान लेते हुए इसे विकसित करने की मांग किया है।
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Mon Dec 27 , 2021