सीएम भेंट मुलाकात गरियाबंद जिला : ” हमर कका के कतका किरपा बरसही हमर जिला म ” ?

सीएम भेंट मुलाकात गरियाबंद जिला
” हमर कका के कतका किरपा बरसही हमर जिला म “?

गरियाबंद /राजिम। प्रदेश व्यापी ” भेंट- मुलाकात ” कार्यक्रम के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गरियाबंद जिले के दो दिनी प्रवास पर रहेंगे इस दौरान वे जिले के गरियाबंद, फिंगेश्वर, छुरा, देवभोग विकासखंडो का दौरा करआम जनों, समाज प्रमुखों के साथ जिले के कांग्रेस जनों से भेंट मुलाकात कर समस्याएं सुन निराकरण हेतु त्वरित पहल के साथ विभिन्न निर्माण कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण करेंगे सीएम के जिले के प्रवास के मद्देनजर प्रशासनिक अमला पूरी संजीदगी के साथ मैदानी स्तर पर भिंडा हुआ है ।जिले के पांचवे विकास खंड मैनपुर में सीएम के प्रवास को लेकर अधिकारिक तौर पर कोई कार्यक्रम जारी नही होने के कारण यहाँ के उत्साहित जनता व कांग्रेस जनो में मायूशी का माहौल व्याप्त हैं।
मैदानी स्तर पर प्रशासनिक अमला जितना मुस्तैद नजर आ रहा हैं उससे कही ज्यादा मुस्तैद जिले के रहवासी और जनप्रतिनिधि क्षेत्रीय हितो से सरोकार रखने वाली अपनी समस्याओं के साथ ,प्रशासनिक, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, सिंचाई जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी दशकों पुरानी लंबित मांगों को लेकर नजर आ रहें हैं ।
11 जनवरी 2012 को पौराणिक, प्राचीन,पुरातत्व महत्व वाली धर्मनगरी राजिम, पुराने जमाने के छत्तीसगढ़ के दो गढ़(फिंगेश्वर व विंद्रानवागढ़), प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजीवलोचन, कुलेश्वर महादेव, जतमई, घटारानी माता, भकुर्रानाथ महादेव गरियाबंद, उदंती अभ्यारण, पैरी उद्गगम स्थल भाटीगढ़, देवधरा जलप्रपात, कांदाडोंगर देवस्थल, बहुमूल्य रत्नगर्भा क्षेत्र पायलीखंड,प्राचीन देवलोक देवभोग,सहित प्राकृतिक- मनोहारी दृश्यों से परिपूर्ण लगभग दर्जन भर पर्यटनिक स्थलों को समेटे, प्रचुर वन संपदा से लबालब गरियाबंद जिला जब अस्तित्व में आया तो जिले के रहवासियों में इसके द्रुतगामी-सर्वांगिण विकास को लेकर एक नई उम्मीद जगी थीऔर सैंकड़ों सपने संजोयें थे।नवोदित जिले ने आज दस वर्षीय सफर पूर्ण कर लिया हैं इन दस वर्षो के दरमियान जिले में प्रशासनिक अमले की तैनाती और उसके मकडजाल में उलझी जनता और जनप्रतिनिधि के सिवा कुछ भी खास नजर नहीं आता ,लोगो की उम्मीदे, सपने व समस्याएं जहां की तहां, जस की तस पूर्ववत बनी हुई हैं।
यहां के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों की हालत किसी से छिपी नहीं है,किडनी पीडित ग्राम “सुपेबेडा” में सिसकियां थमने का नाम नही ले रही हैं, आज भी जिले के इस वर्ग के बहुसंख्यक जनो को स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी जैसी मुलभूत सुविधाओं के लिए बाट जोहते देखा जा सकता हैं।उनके हितो से सरोकार रखने वाले सलप जलाशय, मौखाघाट जलाशय, उदंती जलाशय अधूरे पड़े हुये हैं। छुरा विकासखंड की रजिस्ट्री आफिस, स्टेट बैंक में चालान की सुविधा, के साथ पूर्णकालिक अनुविभागीय अधिकारी (रा.)की मांग लंबित हैं।जिले के छात्र छात्राओं, युवाओं को उच्चस्तरीय व्यवसायिक शिक्षण संस्थानो की समस्याओं से जूझना पड़ रहा हैं, गरियाबंद जिले के लिए पूर्व स्वीकृत कृषि महाविद्यालय की खोज खबर लेने वाला कोई सक्षम जिम्मेदार ही नजर नहीं आता। पाण्डुका क्षेत्र के सुदूरवर्ती अंदरूनी इलाके के लोगो के लोगों की महाविद्यालय की मांग के साथ राजिम में कन्या महाविद्यालय जैसी मांगे बरसों से लंबित हैं।सन् 1952 से उपतहसील दर्जा प्राप्त फिंगेश्वर पूर्ण तहसीली का दर्जा प्राप्त करने के लिए दशक दर दशक,सत्ता दर सत्ता फरियाद करना पड रहा हैं, फिंगेश्वर के घाट खाल्हे एरिया के लगभग 20 ग्रामों के किसानों को अपनी सिंचाई सुविधा के मद्देनजर ” सुखा नदी ” पर बैराज बनाने की दशको पुरानी मांग के लिए आज भी जद्दोजहद करनी पड रही हैं।जिले के सबसे बड़े ग्राम पंचायत कोपरा का नगर पंचायत में व नगर पंचायत राजिम का नगर पालिका में उन्नयन का मामला खटाई में पड़ा हुआ हैं।घोषणा के तीन वर्ष बीत जाने के पश्चात भी छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध “माघी पुन्नी -मेला राजिम” के लिए आरक्षित 55 एकड़ के नवीन मेला मैदान में स्थायी निर्माण कार्यो के लिए आज पर्यंत एक ईंट रखी नही जा सकी हैँ।पृथक छत्तीसगढ़ राज आंदोलन के अग्रणी नेता ,प्रसिद्ध भागवताचार्य ब्रह्मलीन संत कवि पवन दीवान जी का पृथक “राजिम-नवापारा जिला”का सपना आज पर्यंत अधूरा हैं।
वही खनिज विभाग के अमले और खनिज माफियाओं की जुगलबंदी से जिले के सड़कों की हालत हाल- बेहाल हैं (खाासकर ग्रामीण इलाकों का) जहां से आना -जाना लोगों के लिए बेहद जोखिम भरा साबित हो रहा हैं।
उम्मीदों, सपनों और समस्याओं के इन लंबी चौड़ी फेहरिस्तो के बीच जिले के जनप्रतिनिधियों व जिले के रहवासियों के जेहन में गरियाबंद जिले में सीएम के 5- 6 दिसंबर को आयोजित ” भेट- मुलाकात “कार्यक्रम को लेकर एक ही सवाल हैं ” हमर कका के कतका किरपा बरसही हमर जिला म “?
और इसका जवाब तो आने वाला कल ही बतायेगा ।
– डीके ठाकुर, ब्यूरो चीफ गरियाबंद