छत्तीसगढ़ के पहले तिहार हरेली किसान मनाथे झारा झार हरेली के त्यौहार श्रीमती संतोष ताम्रकार की कलम से


छत्तीसगढ़ के पहले तिहार हरेली किसान मनाथे झारा झार हरेली के त्यौहार श्रीमती संतोष ताम्रकार की कलम से


🙏 हरेली तिहार🙏
छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार
किसान -मनाथे झारा -झार
नागर बख्खर कृषि औजार
मांज धोके रखथे बने तैयार
बरा सोहारी चिला भरमार
पूजा -पाठ चढ़ाये फुल-हार
हरियर हरियर खेती खार
सिटिर सिटिर पानी बौछार
गाय ला खवाये मऊहा छुवार
खइरका डाढ़ राऊत रखवार
पौनी पसारी पुजारी द्ववार
खिला ठोके गांव राखे लोहार
नानका बड़का गेड़ी सवार
सावन हरेली पहली तिहार
आप सबो झन ला हरेली तिहार के गाड़ा गाड़ा अकन बधाई।
हरेली का यह पावन त्यौहार छत्तीसगढ़ के सबसे पहले होने वाली त्योहारो में से है। इस त्यौहार के बाद अन्य त्योहारों का आना चालू होता है इस त्यौहार में किसान अपने खेती के सामानों का,कारीगर अपने औजारों का ,व्यापारी कांटा बट , तराजू नापतोल, एवं अपने प्रतिष्ठान दुकानों का पूजा अर्चना कर इस त्यौहार को शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जाता है ट्रांसपोर्टर जो है अपने वाहनों को लक्ष्मी मानकर उसकी पूजा अर्चना का नीम का पेड़ का एक डाला उस पर लगाकर पूजा किया जाता है एवं बच्चे अपने खिलौने का पूजा लकड़ी से बने गेड़ी बनाकर इस त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन कृषक अपने खेती में काम ना कर सभी एक साथ मिलजुल कर शांतिपूर्ण ढंग से इस त्यौहार को मनाया जाता है छत्तीसगढ़ की पहले और शान्ति का प्रतीक हरियाली के यह यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ कृषक, व्यापारी एवं सभी वर्ग के लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं
चादर ओढ़े खड़ी है धरती हरियाली सा रंग हरा है हरी धरती हरा मन है ।
सुगंध है हरियाली का हरेली का त्यौहार है आया किसानों का हम छत्तीसगढ़ियों का इस दिन किया जाता है घरों में पूजन खेतों में उपयोग होने वाले औजारों का खुशियों भरा दिन होता है घरों में बनता है गुलगुला भजिया, भजिया और चीलो का उस दिन होता है खेतों से छुट्टी हरेली त्योहारों का ।
किसाने हरी-भरी हरियाली देखकर खुश हो जाते हैं अपने खेती खलियानों का बच्चे झूम उठते हैं ऐसे देख नजरों का यह दुनिया जो है किसानों के बिना अधूरा एवं हरियाली बिन खेत खलियानों का यह हरेली त्यौहार है शांति का प्रतिक हरियाली का आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं हैं हरेली त्योहारो का।