लोरमी- सावित्री बाई फूले के प्रेरणादायी जीवन को बच्चों ने जाना
लोरमी- सावित्री बाई फूले के प्रेरणादायी जीवन को बच्चों ने जाना
टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ प्रतिनिधि : 19वीं सदी में नारी शिक्षा को लेकर समाज में बड़े बदलाव की शुरुआत करने वाली समाज सेविका सावित्री बाई फूले के जीवन की बारीकियों को सेमरसल मिडिल स्कूल में नई पीढ़ी ने जाना। प्रत्येक महापुरुषों, महान नारियों ने देश को एक करने में, संगठित करने में और कुरीतियों से लड़ने में बड़ी भूमिका निभाई है ऐसे ही महिला सशक्तिकरण की पहचान देवी सावित्री बाई फूले का जीवन संघर्ष और सामाजिक क्रांति की मिशाल है। पहले महिला विद्यालय की पहली अध्यापिका, पहली किसान शाला सहित सत्य शोधक समाज के कार्यों में समाज को नई दिशा दी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यक्रम प्रभारी शिक्षिका पुष्पा चतुर्वेदी ने बताया कि आज करोड़ों महिलाओं में शिक्षा की पहुंच सावित्रीबाई फुले जैसे महान नारियों के कारण ही सुगम हो पाई है। हमको भी समाज में लड़कियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना होगा।
संस्कारित, समझदार और समय के साथ अद्यतन करना होगा। वर्तमान में सावित्रीबाई फुले का जीवन नई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा ही है। हमारी शाला में समय समय पर महापुरुषों के जीवनी का वाचन, प्रदर्शन नाटक संस्मरणों के माध्यम से बच्चों को रूबरू कराया जाता है। आज सावित्रीबाई फुले के जयंती के अवसर पर सैकड़ों बच्चों ने उनके सेवाभावी जीवन को अंगीकार किया। इस अवसर पर प्रधानपाठक राजकुमार कश्यप, राकेश पांडेय, उमाशंकर सिंह सहित सभी बच्चों ने मिलकर पर्दे पर सावित्रीबाई पर आधारित फिल्म का अवलोकन किया।नोट्स भी तैयार किए। घरों में जाकर चर्चा करने को कहा गया है।