लोरमी- रामायण का सार, गीता का ज्ञान है एकल अभियान
AP न्यूज़ लोरमी : एकल विद्यालय वन बंधु परिषद अंचल संभाग बिलासपुर के तत्वाधान में मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन अंचल कार्यालय तहसील चौक लोरमी में रखा गया। जिसमें संचालित सभी संचों की गतिविधि एवं विभागों की समीक्षा अंचल अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह एवं सचिव रोशन सिंह ने किया। एवं अगामी कार्यक्रम रूपरेखा जो प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 16 एवं 17 नवंबर को अंचल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता होना है उसके संबंध में संच प्रमुखों को जानकारी दी गई और सबको मिलकर कार्य करने की तथा अपेक्षित परिणाम आए इसके लिए परिश्रम करने का आह्वान किया गया। सबने मिलकर अपने-अपने गांव वाले विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर, शत प्रतिशत मतदान, जागरण, पढ़ाई-लिखाई, जागरूकता अभियान, नशे के खतरों पर प्रबोधन देने अनेक कार्यक्रम करने की योजना बनाई गई। अंचल बिलासपुर संभाग में कुल 230 विद्यालय वनांचल क्षेत्र में संचालित है जिसमें पिछड़े निर्धन बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करते हुए शिक्षा के मूलधारा में जोड़ने के कार्य किया जाता है। समीक्षा बैठक में बिलासपुर संभाग के नौ प्रमुख संच मरवाही, कोटमी, रतनपुर, गौरेला, पेंड्रा, करगीकला, लोरमी, डिंडौरी एवं दुल्लापुर सम्मिलित हुए। एकल विद्यालय के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार कश्यप ने मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बातें रखीं।
230 ग्रामीण अंचलों में सेवारत अल्प मानदेय में कार्य करने वाले सेवाभावी देवतुल्य कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजकुमार कश्यप ने बताया कि सब समाज साथ रहे, सेवा सहकार रहें, एक्यबोध हो, बंधु भाव आधारित समरसता हो। नशे के विरुद्ध जनमानस खड़े हों, शिक्षा के प्रति सबका आग्रह बढ़े, संगठन का रास्ता अपनाएं, अपने धर्म संस्कृति की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा में सबकी सहभागिता सुनिश्चित करें। सबको अपने कार्यों से जोड़ें, निराशा का भाव मन से त्यागते हुए सबको अपना बना लेने की कला विकसित करें। समाज कार्य का दायित्व कुछ लोगों को ही मिलता है, वास्तव में यही ईश्वरीय कार्य है जो भगवान ने स्वयं अपने मुख से बताया है कि सज्जनों की सुरक्षा, दुष्कृत्यों का नाश और धर्म की स्थापना करने के लिए हर युग में मैं आऊंगा। इस कलयुग में उक्त कार्य संगठन के माध्यम से ही संभव है।
हम सब लोग यही काम कर रहे हैं इसलिए भगवत प्रसाद स्वरूप हमें सेवा का मार्ग मिला है जिसे अपने तन मन से करते हुए सतत आगे बढ़ेंगे। सबको श्रेष्ठ बनायेंगे, आत्मीयता, स्नेह भाव से अपनेपन से युक्त, गुणवान व्यक्ति निर्माण का जिम्मा हमको मिला है उसे शत प्रतिशत क्षमता से निभायेंगे। गिरी कंदराओं में बसे लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने में अहम कड़ी निभाने वाले सभी अनामिक कार्य करने वाले बंधु, भगिनियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने अपनी बातें रखी। वहीं विशिष्ठ अतिथि दयाराम साहू, जितेंद्र सिंह ने भी प्रशिक्षकों को अपने मन के भावों से अवगत कराया।
उमाशंकर सिंह ने सबको इतने उत्साह से कार्य करने के लिए साधुवाद ज्ञापित किया और पूरा समाज आपके साथ खड़ा है इस भाव का एहसास कराया। ज्ञान, विज्ञान और आत्मसम्मान की बात निचले तबके तक पहुंचाने वाले सभी कार्यकर्ताओं की सराहना की। अंचल प्रमुख करन मरावी ने संचालन किया। तत्पश्चात सबने लोरमी स्थित मानस मंच में चल रहे श्रीराम कथा का श्रवण लाभ करके महराज सागर मिश्रा से आशीर्वाद प्राप्त किया और रामप्रसादी भोजन भी ग्रहण किया। नगरवासियों के साथ सबका परिचय भी हुआ।