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भोपाल में RSS की बैठक रविवार से, देश के ज्वलंत मुद्दों पर होगी चर्चा

RSS Chief Mohan Bhagwat (Representational Image)
Image Source : PTI (FILE)

नई दिल्ली. कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय बैठक 7 जून से शुरू हो रही है। संघ की यह बैठक 9 जून तक चलेगी। बैठक का आयोजन ऐसे समय हो रहा है जब संघ के दिल्ली कार्यालय में दो पदाधिकारियों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है। रविवार से शुरू होने वाली इस चिंतन बैठक के लिये तैयारिया पूरी हो चुकी है। बताया गया है संघ के अधिकतर नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे।

इससे पहले बेंगलुरू में होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक मार्च में उस वक्त टाल दी गई थी, जब देश में कोरोना दस्तक दे चुका था। लिहाजा बैठक का महत्व और भी बढ़ गया है। ऐसे में संघ की बैठक पर सबकी नजर होगी।

तीन दिन चलने वाली बैठक में देश की हालत पर चर्चा के अलावा संघ आने वाले समय के लिए अपना रोड मैप बनाएगा। बैठक में बदली हुई परिस्थितियों में संघ का कार्य कैसे चले इस पर रूप रेखा तय की जायेगी। साथ ही साथ मोदी सरकार के ‘आत्म निर्भर भारत’ के लक्ष्य पर विशेष रूप से चर्चा होगी। राष्ट्रव्यापी बंदी के परिणामों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। बैठक में सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के अलावा पांचों सहसरकार्यवाह, वैचारिक संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

बैठक ऐसे समय हो रही है जब कोरोना वायरस ने देश और दुनिया की दिशा ही बदल दी है। जाहिर है इससे जनता, सरकार और भारत ही नहीं संघ भी अछूता नहीं रहा है। बैठक में मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर भी चर्चा होगी।

संघ के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में लोगों को हुई परेशानी और खासकर प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर विशेष रूप से मंथन होगा। साथ ही सेवा भारती द्वारा देश के कोने कोने में चलाये जा रहे सेवा के प्रकल्प की भी समीक्षा होगी। तीन दिवसीय बैठक में श्रम कानूनों में बदलाव पर विचार किया जा सकता है। गौरतलब है कि संघ की ही एक इकाई भारतीय मजदूर संघ, श्रम कानूनों में बदलाव के सरकार के फैसले का विरोध कर रही है।

कोरोना काल के दौरान देश के सामने आयी नई चुनौतियों को लेकर भी संघ विचार करेगा। ऐसे में संघ मोदी सरकार को नया दिशा निर्देश भी दे सकती है। गौरतलब है कि संघ के कई अनुषांगिक और वैचारिक संगठन समाज निर्माण में जुटे हैं। पहले भी आपात परिस्थितियों में ये संगठन समाज और देश को बाहर निकालने में अपना संकल्प दिखा चुके है, ऐसे में इन संगठनों के सुझाव पर भी आगे की रणनीति बनायी जा सकती है।

संघ भले ही राजनीति में दिलचस्पी और भाजपा में सीधे दखल से इंकार करता रहा हो। लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन महामंत्री समय समय पर संघ की इन बैठकों का हिस्सा बनते रहे हैं। ऐसे में जब भाजपा की कमान जेपी नड्डा के पास है। उनको अपनी राष्ट्रीय टीम घोषित करनी है, ऐसे में इस मुद्दे पर भी संघ का मार्गदर्शन मिल सकता है।

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