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ऑटोप्सी में खुलासा, जॉर्ज फ्लॉयड था coronavirus से संक्रमित

George Floyd had coronavirus: Autopsy report
Image Source : AP

वाशिंगटन: अमेरिका में पुलिस बर्बरता के चलते 46 साल के अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर 25 मई से ही लगातार हिंसक प्रदर्शन जारी है। अब फ्लॉयड की आधिकारिक ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जॉर्ज फ्लॉयड कोरोनो वायरस से संक्रमित था। हेनेपिन काउंटी मेडिकल एग्जामिनर के रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लोयड ने अपनी मृत्यु से लगभग दो महीने पहले 3 अप्रैल को वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फ्लॉयड की गले पर दबाव पड़ने की वजह से मौत हुई है।

बता दें कि एक पुलिस अधिकारी ने बीते सोमवार को जॉर्ज फ्लॉयड को गिरफ्तार करते हुए उनके गले पर अपना घुटना रख दिया था और सात से ज्यादा मिनट तक फ्लॉयड का गला इसी स्थिति में दबाए रखा था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

इस बीच फ्लॉयड की मौत के बाद उसके परिवार के सदस्यों ने उसे श्रद्धांजलि देने के लिये करीब 60,000 लोगों के साथ शांतिपूर्ण मार्च किया। अमेरिकी प्रांत टेक्सास की सर्वाधिक आबादी वाले शहर ह्यूस्टन में हुए मार्च में कई तबकों के लोग शामिल हुए, जिनमें गायक से लेकर नेता तक शामिल हुए। भीड़ ने ‘हाथ उठाओ, गोली मत मारो’ और ‘न्याय नहीं, शांति नहीं’ के नारे लगाये। उन्होंने चिलचिलाती धूप में डिस्कवरी ग्रीन पार्क से सिटी हॉल तक करीब एक मील तक मार्च किया। भीड़ में फ्लॉयड के परिवार के 16 सदस्य भी शामिल थे।

फ्लॉएड के परिवार ने रैली में प्रदर्शनकारियों को उनके समर्थन को लेकर उनकी सराहना की और उनसे हिंसक नहीं होने को कहा। मार्च में शहर के कई नेताओं और अधिकारियों ने हिस्सा लिया जिनमें मेयर सीलवेस्टर टर्नर, कांग्रेस सदस्य शीला जैक्सन ली, लिजी फ्लेचर और सीलविया गार्सिया तथा कांग्रेस सदस्य अल ग्रीन शामिल थे।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति की हिरासत में हत्या पर देश में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच अमेरिकियों से देश की दुखद विफलताओं पर गौर करने और समान न्याय के लिए मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया। जॉर्ज बुश ने कहा कि वह और उनकी पत्नी लॉरा अन्याय से परेशान हैं और हमें डर है कि यह हमारे देश को अस्थिर कर देगा। बुश ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह उनके बोलने का समय है, बल्कि यह उनके लिए सुनने का वक्त है। 

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