गायों को चारा पानी नही मिल पाने से हो रही गायों की मौत जिमेदार कौन


गायों को चारा पानी नही मिल पाने से हो रही गायों की मौत जिमेदार कौन
जांजगीर चांपा।जिला के जनपद पंचायत नवागढ़ के ग्राम पंचायत तुस्मा में गौठान पर चारा पानी नही होने से गायों की मौत हो जा रही है, पर गायों को दफनाने के बजाय गौठान पर ही छोड़ दिया जाता है,क्या यही हमारी गौमाता कहे जाने वाले गायों का यही होता रहेगा कब इनकी भी मृत्यु होने के बाद इनको भी जमीन के नीचे दफनाने का जगह मिलेगा ताकि इनके मरने के बाद इनका शरीर कुत्ते व अन्य जानवर इनका भक्छण न कर सके। ग्रामीणों ने बताया वर्तमान में तुस्मा के गौठान पर 4 से 5 गाय की भूख से मृत्यु हो गया बताया जा रहा है।
एक तरफ तो छत्तीसगढ़ सरकार गौ सुरक्षा को लेकर आम जनता के सामने बड़े-बड़े दावे करते नजर आते हैं और उनकी सुरक्षा व देखभाल को लेकर नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत छोटे-छोटे ग्राम पंचायत से लेकर बड़े-बड़े नगर पंचायत व नगर निगम तक गोठान निर्माण करवाया जा रहा है ताकि गौ माता की सुरक्षा की जा सके,जहां गौमाता की सुरक्षा को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता के सामने बड़े-बड़े दावे करते हुए नजर आते हैं परंतु यह दावे ग्राम पंचायत तुस्मा के गौठान में किस तरह से निभाया जाता है इन गायों के शवों को देखर चीख चीख कर बयां कर रही है।
ग्राम पंचायत तुस्मा में जहां गौठान पर ही गायों को दफनाने के बजाय गौठान में ही मृत गायो की लाश नज़र आता है। इस गौठान में ना तो गायों को खिलाने के लिए चारा की व्यवस्था है और ना ही उनके पीने के लिए पानी की व्यवस्था है,आखिर गायों के चारे के लिए जो पैसे आते है वो जाते कंहा है यह बताने की जरूरत नही है,क्योंकि गौठान में पड़े शव जवाब दे रहे है कि गायों के चारे तक पर भ्रस्टाचारियों के नज़र गाड़ी हुई है।
गौठान के अंदर पानी के लिए टैब निर्माण तो करवा दिया गया है परन्तु पानी टैब को देखने पर बिल्कुल सुखा नजर आता है। जब इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत तुस्मा के ग्रामीणों से बात की गई तो ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा कि इस गौठान में विगत तीन-चार माह से गायों के लिए किसी प्रकार की चारे पानी की व्यवस्था नहीं है लगातार गाय इस गौठान के अंदर मरते हुए नजर आ रहे हैं इस मामले में ग्राम पंचायत सरपंच कोमल पटेल को कई बार सूचना दिया जा चुका है परंतु वह केवल आश्वासन देते हुए नजर आते हैं साथ ही साथ गौठान को देखने पर यह बात स्पष्ट हो जाता है कि किस प्रकार से ग्राम पंचायत तुस्मा का गौठान ग्राम प्रमुख और अधिकारियों के साथ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।
जब इस पूरे मामले की पुष्टि के लिए मीडिया कर्मियों ने ग्राम पंचायत तुस्मा के सरपंच कोमल पटेल को फोन पर बात करनी चाही तो फोन रिसीव करने की भी कष्ट नही किया गया।
जनपद नवागढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से भी इस संबंद में जानकारी लेनी चाही मगर फोन रिसीव नही किया गया।
अब देखना यह होगा कि खबर चलने के बाद उच्च अधिकारी व छत्तीसगढ़ सरकार ऐसे भ्रष्टाचारी सरपंच और इनको संरक्षण देने वाले अधिकारियों के ऊपर किस प्रकार के कार्यवाही करते हैं या फिर इन सभी मामलों में लीपापोती करके ऐसे भ्रष्टाचारी सरपंच को संरक्षण देते हुए नजर आएगी, एक सवाल तो जांजगीर-चांपा जिले के अधिकारी पर खड़े हो रहे हैं परंतु दूसरा बड़ा सवाल छत्तीसगढ़ सरकार व गौ सेवा आयोग के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम सुंदरदास महंत महराज जी पर भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ राम सुंदर दास महाराज जी के गृह निवास से 2 किलोमीटर दूर ग्राम स्थित गौठान में ये स्थिति है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ सरकार गौ सुरक्षा को लेकर कितने जागरूक हैं और किस प्रकार से आम जनता के सामने वाह–वाही लूटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार थूक के लाडू बानते हुए नजर आते हैं।