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NRC और CAA के खिलाफ आदिवासियों के सम्मेलन में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल, कहा- गांधी जी विदेशी अंग्रेजों से लड़े थे हम देशी अंग्रेजों से लड़ेंगे

रायपुर। NRC और CAA के खिलाफ आदिवासियों के सम्मेलन में गुरुवार को शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल ने केन्द्र की मोदी सरकार की तुलना अंग्रेजों से की है. उन्होंने कहा गांधी जी विदेशी अंग्रेजों से लड़े थे हम देशी अंग्रेजों से लड़ेंगे. एनआरसी यदि छत्तीसगढ़ में आता है तो मैं पहला व्यक्ति रहूंगा जो इसके विरोध में हस्ताक्षर करूंगा.

उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रमाणित करना होगा कि हम भारतीय हैं, पीएम का कहना है कि सिर्फ सीएए लागू होगा. हमारे पास एनपीआर का आदेश आया है जिसमे आपके और आपके माता पिता की जन्मतिथि के साथ ही कहाँ पैदा हुए ये बताना होगा.

सीएम ने कहा कि यदि कोई नागरिकता साबित नहीं कर सकेगा तो उसे डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा, फिर आप यहां गुजर बसर नहीं कर सकते. छत्तीसगढ़ के 40 फीसदी से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, कुछ अपने गांव बदलते रहते हैं. हम भारतीय हैं ये हमें प्रमाणित करने की जरूरत क्यों है. बाहर के घुसपैठियों को उसे भारत के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए इससे मुस्लिम के साथ ही हिन्दू भी प्रभावित होंगे और खासतौर पर छत्तीसगढ़ के लोग ज्यादा प्रभावित होंगे.

भूपेश बघेल राजधानी के इन्डोर स्टेडियम में आदिवासी समाज के द्वारा आयोजित CAA और NRC के खिलाफ सम्मेलन में शामिल हुए थे. सम्मेलन में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए. सम्मेलन के बाद रैली निकालकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा.

इस मामले में आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने कहा कि 25 हजार की संख्या में आदिवासी इंडोर स्टेडियम में उपस्थित होंगे. हमने जगह-जगह पॉम्प्लेट बांटा है और मीटिंग ली रैली के माध्यम से हमारी मांगे है कि केंद्र सरकार अपनी जिद छोड़ दे पूरे देश में इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हुई है कितने लोगों ने अपनी जान गंवा दी. संविधान के मुताबिक देश अच्छा चल रहा था नए कानून के वजह से दंगे हो रहे है. जिसे देखते हुए सरकार को कानून वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए. आदिवासी कहां जाएंगे हम इस कानून के माध्यम से यही के मूल निवासी होने के बाद भी बेदखल हो जाएंगे. यदि इस देश में बाहरी लोग कब्जा करेंगे तो स्थिति और भी दयनीय हो जाएगी, लाखों की तादात में आदिवासियों ने पलायन कर लिया है साथ ही बहुत सारे आदिवासी जेलों में बंद है जिस पर विचार किया जाना चाहिए.

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