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ऐतिहासिक मान्यता के स्कूल को मर्ज किए जाने के विरोध में होगा उग्र आंदोलन : विनोद चंद्राकर

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ऐतिहासिक मान्यता के स्कूल को मर्ज किए जाने के विरोध में होगा उग्र आंदोलन : विनोद चंद्राकर

  • नियमों को ताक पर रख बिना मापदंड के स्कूलों का किया जा रहा युक्तियुक्तकरण
    महासमुंद। ऐतिहासिक मान्यता के स्कूलों को युक्तियुक्तकरण के नाम पर अन्य स्कूलों में मर्ज किए जाने का विरोध करते हुए पूर्व संसदीय सचिव छग शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने सरकार के इस कृत्य को जनभावनाओं से खिलवाड़ बताया है। साथ ही आगामी 16 जून को प्रवेशोत्सव के दिन उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
    श्री चंद्राकर ने बताया कि ग्राम खट्टी के प्राथमिक शाला का स्थापना ब्रिटिश शासन काल के दौरान सन 1899 में हुआ है। इस स्कूल में अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त किया। ग्राम के वरिष्ठ बुजुर्गों के अनुसार इस स्कूल के लिए यहां के मालगुजार डागा परिवार द्वारा भूमिदान किया था। स्कूल स्थापना के बाद खट्टी सहित क्षेत्र के 40 ग्रामों के छात्र यहां अध्ययन करने आते थे। स्कूल की ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए 1999 में इस स्कूल के शताब्दी वर्ष मानने के लिए शासन ने 50 हजार रुपए प्रदान किए थे। साथ ही इस स्कूल के ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए शासन ने इसे ऐतिहासिक धरोहर मानकर 4 लाख 95 हजार रुपए अनुदान स्वरूप प्रदान किया था। ताकि स्कूल का रखरखाव सुव्यवस्थित रूप से हो सके। ऐसे ऐतिहासिक स्कूल को किस आधार पर कन्या शाला के साथ मर्ज किया जा रहा है, इस पर प्रशासन अपनी नियत स्पष्ट करें। क्योंकि युक्तियुक्तकरण नियम के कंडिका क्रमांक 6 में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी ऐतिहासिक, पुरातन मान्यताओं से जुड़े स्कूलों को मर्ज नहीं किया जाए। यदि खट्टी के इस ऐतिहासिक स्कूल को शासन के आदेश पर युक्तियुक्तकरण के तहत मर्ज किया जा रहा है तो यह भाजपा सरकार की दोहरी चरित्र को दर्शाती है, इससे भाजपा सरकार की कथनी और करनी में फर्क स्पष्ट नजर आ रहा है। भाजपा को लोगों की आस्था, उनकी भावनाओं से कोई सरोकार नहीं। और यदि शासन के आदेशों का उल्लंघन कर प्रशासनिक अधिकारी अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की नियत से इस ऐतिहासिक स्कूल को मर्ज करने में तुली है तो इस तानाशाही पूर्ण कार्रवाई से यही सिद्ध होता है कि प्रशासन को सरकार का भय नहीं है। सरकार का प्रशासन पर अंकुश नहीं है। अधिकारी अपना अलग शासन चला रहा है। नियमों अनदेखी कर ऐतिहासिक स्कूल को मर्ज किया गया तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। आगामी 16 जून को प्रवेशोत्सव के दिन क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों के ग्रामीण तथा हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओ के साथ सरकार के गलत नीति, मनमानी पूर्ण कार्रवाई, तानाशाही रवैए के विरोध में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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