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डायरिया से लगातार हो रही ग्रामीणों की मौत, प्रशासन छिपा रहा मौत के आंकड़े और कारण: तुकाराम चन्द्रवंशी

डायरिया से लगातार हो रही ग्रामीणों की मौत, प्रशासन छिपा रहा मौत के आंकड़े और कारण: तुकाराम चन्द्रवंशी

शासन प्रशासन की नकामी और बदइंतजामी का खामियाजा भुगत रहे हैं ग्रामीण: तुकाराम चन्द्रवंशी

सरेंडा ग्राम में डायरिया से फिर गई दो ग्रामीणों की जान।

कवर्धा। जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चन्द्रवंशी ने जिले के विकासखण्ड बोड़ला के वनांचल ग्राम सरेंडा में डायरिया से दो ग्रामीणों की मौत की जानकारी मिलने के बाद प्रभावित ग्राम का दौरा कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली है और ग्रामीणों से चर्चा कर प्राप्त जानकारी के आधार पर शासन-प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। श्री चन्द्रवंशी ने खुलासा करते हुए बताया कि ग्राम सोनवाही के बाद ग्राम सरेंड़ा में भी डायरिया का जबरदस्त प्रकोप देखने को मिल रहा है। यहां बीते तीन दिनो के भीतर दो ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। जबकि करीब 18 ग्रामीण बीमार है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। श्री चन्द्रवंशी ने बताया कि ग्राम झलमला के आश्रित ग्राम सरेंडा के वॉर्ड नंबर 10 में डायरिया से 60 वर्षीय शामबाई धुर्वे पति सुमेर सिंह धुर्वे एवं 7 माह की गर्भवति 29 वर्षीय अनिता बाई धुर्वे पति महासिंह धुर्वे की जच्चा बच्चा की मृत्यु हुई है। लेकिन जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और भाजपा सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए मौत के आंकड़े और मरीजों की संख्या को छिपा रही है। मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमार्डम रिपोर्ट को बदलकर डायरिया पीडि़तों की मौत की वजह पुरानी बीमारी बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि इन प्रभावित ग्रामों में स्वास्थ्य कैंप के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है। आलम ये है कि स्वास्थ्य केन्द्रों में सिफ्र प्राथमिक जांच कर मरीजों को कवर्धा या रायपुर रिफर किया जा रहा है और यहासं भी इन मरीजों को बेहतर उपचार व सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। तुकाराम चन्द्रवंशी ने बताया कि ग्राम सरेंडा में व्यापक रूप से डायरिया फैलने के पश्चात भी स्थानीय ग्रामीण झिरिया का पानी पीने को विवश है। हालांकि गांव में डारिया फैलने के बाद प्रशासन ने स्थानीय कुंआ और झिरिया का पानी पीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन पेयजल की कोई दूसरी व्यवस्था नहीं होने के काण मजबूरन ग्रामीण प्रतिबंधित जलस्त्रों का ही पानी उपयोग में ला रहे हैं। श्री चन्द्रवंशी ने बताया कि ग्राम सरेंडा के एक मोहल्ले में टंकी से पानी पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था आननफानन में आज की गई है। लेकिन इस पाटी की भी साफ सफाई नहीं की गई और टंकी को बिना साफ किए ही कीड़ा युक्त, मिट्टी, काई युक्त पानी पहुंचा रहे है। निश्चित रूप से यहपीएचई विभाग की घोर लापरवाही है। श्री चन्द्रवंशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में सैकड़ों की संख्या में डायरिया के मरीज सामने आने एवं दर्जनों लोगो के मौत के बाद भी जिला प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुंभकरिणीय नींद में सोए हुए हैं और सिर्फ औरपचारिकता निभा कर हो हल्ला मचा रहे हैं। जबकि वास्तव में इस तरह की समस्याओं ने निपटने के लिए प्रशासन के पास कोई रोड मैप नही है अधिकारी सिर्फ मौके पर पहुंचकर अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास कर वैकल्पिक व्यवस्था कर ढोंग कर रहे है।
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