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छत्तीसगढ़ नक्सली हमले के बाद का वीडियो आया सामने; जमीन पर दिखे जवानों के शव, नक्सलियों का शांति प्रस्ताव के बाद दूसरा बड़ा हमला

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद का वीडियो सामने आया है, जिसमें जवानों के शव जमीन पर दिखाई दे रहे हैं।

नक्सलियों ने 17 मार्च को छत्तीसगढ़ सरकार के पास शांति वार्ता का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें तीन मांगें रखी गई थीं। प्रस्ताव भेजने के बाद यह दूसरा बड़ा हमला है, जिसमें 20 से ज्यादा जवानों की शहादत हुई है। क्या है नक्सलियों की शर्त और किस प्लानिंग से उन्होंने सुरक्षाबलों के जवानों को निशाना बनाया, इस रिपोर्ट में पढ़िये।

छत्तीसगढ़ में सुकमा-बीजापुर की सीमा पर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के 700 जवानों को घेरकर तीनों ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसमें 20 से ज्यादा जवान शहीद हो गए, जबकि 30 से ज्यादा जवान घायल हैं। अभी भी कई जवान लापता हैं, जिससे शहीदों की संख्या बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। नक्सलियों ने शांति वार्ता प्रस्ताव भेजने के बाद सुरक्षा बलों पर दूसरा सबसे बड़ा हमला किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजापुर एसपी ने इस नक्सली हमले में अभी तक 22 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है। मुठभेड़ वाली जगह का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें 20 जवानों के शव देखे जाने का दावा किया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ग्राउंड जीरो पर 14 जवानों के शव दिखाई दिए हैं। अभी भी कई जवान लापता हैं, जिससे शहीदों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है।

सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों ने डेरा जमाया है। इस पर DRG, STF, CRPF और COBRA बटालियन के करीब दो हजार जवानों को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए भेजा गया। नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को तीनों ओर से घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसमें अब तक 22 जवानों की शहादत की खबर है।

नक्सली ट्रैक्टर ट्रॉलियों में ले गए शव

पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने मीडिया को बताया कि मुठभेड़ वाली जगह पर करीब 250 नक्सली मौजूद थे। कम से कम 9 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें एक महिला भी शामिल है। सूचना मिली है कि नक्सली दो ट्रैक्टरों में शवों को लेकर गए हैं। हमले में मारे गए नक्सलियों की वास्तविक संख्या सामने आने में समय लगेगा।

शांति वार्ता का प्रस्ताव भेजने के बाद दूसरा बड़ा हमला मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नक्सलियों ने बीती 17 मार्च को ही सरकार के पास शांति वार्ता का प्रस्ताव भेजा था। नक्सलियों ने प्रस्ताव में कहा था कि वह सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी कुछ शर्ते माननी होगी। इसमें सशस्त्र बलों को हटाने, जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहा करने और माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग की गई थी। इसके बाद 23 मार्च को नक्सली हमला हुआ, जिसमें 5 जवान शहीद हुए थे। शांति वार्ता का प्रस्ताव भेजने के बाद यह दूसरा बड़ा हमला है।

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