हर घर तिरंगा हमारा परम कर्तव्य – डॉ अंजू शुक्ला


भारत सरकार के निर्देशानुसार स्थानीय प्रतिष्ठित महाविद्यालय अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय से संबद्ध डीपी विप्र महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अंजू शुक्ला को भारतीय ध्वज तिरंगा हर घर तिरंगा अभियान को महाविद्यालय स्तर में प्रसारित करते हुए सफल बनाने के लिए प्रदान किया गया l यह अभियान राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा जिला संगठन डॉ संजय तिवारी डीपी विप्र महाविद्यालय प्रशासन समिति के अध्यक्ष श्री अनुराग शुक्ला वरिष्ठ सदस्य श्री राजकुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है l

महाविद्यालय में डॉ.मनीष तिवारी, श्री अविनाश शेट्टी, डॉ.एम.एस तंबोली, डॉ.आशीष शर्मा, डॉ.सुरुचि मिश्रा, प्रोफेसर किरण दुबे, प्रोफेसर वर्षा सिंह, प्रोफ़ेसर रूपेंद्र शर्मा, लेखा अधिकारी श्री सगराम चंद्रवंशी, श्री तोरण यादव एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफ़ेसर यूपेश कुमार एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उमेश चंद्रा, अंकित चंद्रा, विभांशु अवस्थी, गजेंद्र कोसले, रीना यादव, तंजीम बेगम, संध्या साहू, अंजलि, संतोष, उपस्थित रहे l इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अंजू शुक्ला ने समस्त प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राओं से भारत सरकार की योजना हर घर तिरंगा को अधिक से अधिक लोगों तक प्रसारित करने का अनुरोध किया तथा उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर में तिरंगा हो या हमारा परम कर्तव्य है l 15 अगस्त 2022 को भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत में इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। आजादी
इस पर्व पर भारत सरकार ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ शुरू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से हर घर तिरंगा आंदोलन को मजबूत करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई का हमारे इतिहास में विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन 1947 में हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया गया था। हम हर घर तिरंगा आंदोलन को मजबूत करें। 13 अगस्त से 15 अगस्त 2022 के बीच अपने घरों पर तिरंगा फहराएंगे। इससे राष्ट्रीय ध्वज के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा होगा।
हर-घर तिरंगा अभियान क्या है –
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए लोगों को तिरंगा घर लाने और इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए “हर घर तिरंगा” अभियान शुरू किया। हर घर तिरंगा अभियान के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और जनभागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्सव मनाना है।
हर घर तिरंगा अभियान में राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और मंत्रालय पूरे जोश के साथ बड़े पैमाने पर भाग ले रहे हैं। हर घर तिरंगा को आजादी का अमृत महोत्सव की सफलता की राह में विभिन्न स्थानों से गैर सरकारी संगठन और स्वयं सहायता समूह पहले से ही योगदान दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा और मध्य प्रदेश में मंडला जैसे स्थान हर घर तिरंगा अभियान में लोगों की भागीदारी या जनभागीदारी को प्रदर्शित करने का एक प्रतिष्ठित उदाहरण साबित हो रहे हैं। हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य 13 से 15 अगस्त 2022 तक देश भर में झंडे फहराना है। पूरे देश की देशभक्ति और एकता को दर्शाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न स्थानों पर जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल करने वाले विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। भारत सरकार ने पूरे भारत में झंडों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। देश के सभी डाकघर ने 1 अगस्त 2022 से झंडे बेचना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकारों ने झंडे की आपूर्ति और बिक्री के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ करार किया है। आजादी का अमृत महोत्सव की पहल 12 मार्च 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत की आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों को मनाने और मनाने के लिए शुरू की गई थी। अपनी शुरुआत के बाद से, इस पहल ने पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति की भव्यता को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है। 28 राज्यों, 8 केंद्र शासित प्रदेशों और 150 से अधिक देशों में 50000 से अधिक कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक आयोजन के साथ आजादी का अमृत महोत्सव की पहल अब तक के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है।केंद्र सरकार ने देशभर में 25 करोड़ घरों पर स्वेच्छा से तिरंगा लगाने का लक्ष्य रखा है। देश भर में लगभग 40 मिलियन ध्वज का भंडार है। संभावित मांग और स्टॉक के बीच की खाई को पाटने के लिए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने तिरंगे की बड़ी मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रयास शुरू किए हैं।
सीएआईटी ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिशा, बिहार और राजस्थान के अपने राज्य अध्यायों से अपने-अपने राज्यों में कपड़ा निर्माताओं से संपर्क करने और उन्हें और अधिक तिरंगे झंडे बनाने के लिए प्रेरित करने को कहा है। वर्तमान में बाजार में विभिन्न आकारों के तिरंगे उपलब्ध हैं, जो 10 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के हैं। खादी ग्रामोद्योग आयोग से तिरंगे झंडे लेने और उन्हें व्यापार संघों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है।