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लोरमी- उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयंसेवी शिक्षकों का प्रशिक्षण

लोरमी- उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयंसेवी शिक्षकों का प्रशिक्षण


उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयंसेवी शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण जोन स्तरीय शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सेमरसल में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का शुभारंभ बीआरसी डीसी डाहिरे द्वारा मां सरस्वती के चित्र सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि यह कार्यक्रम केवल अक्षर व संख्या ज्ञान तक सीमित नहीं है बल्कि व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए उल्लास आवश्यक है जिसमें असाक्षर शिक्षार्थियों को कानूनी, वित्तीय, स्वास्थ्य, बैंकिंग, डिजिटल साक्षरता आदि महत्वपूर्ण जीवन कौशल का ज्ञान होगा। प्रशिक्षार्थियों को अपने अपने संकुल के ग्राम पंचायतों आश्रित ग्राम के स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रोत्साहित कर असाक्षरों को नवसाक्षर बनाने में सहयोग देने हेतु मार्गदर्शन दिया। प्रत्येक व्यक्ति को पूर्ण साक्षर होना आवश्यक है।

तभी वह समाज के मुख्य धारा के साथ जुड़ पाएगा। उल्लास केंद्रों को सभी प्राथमिक शालाओं में आरम्भ किया जाने हेतु निर्देशित किया गया। प्रशिक्षण सत्र में मास्टर ट्रेनर ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को उल्लास शपथ दिलाई। उन्होंने साक्षरता तथा विश्व बैंक के सम्बन्धों व एशियन विकास बैंक द्वारा दिए गए सलाह के आधार पर उल्लास कार्यक्रम की महत्ता को उल्लेखित कर एकाग्रता से प्रशिक्षण प्राप्त कर विकास खण्ड स्तर पर उल्लासपूर्ण व सफल प्रशिक्षण आयोजित करने हेतु दिशा निर्देश प्रदान किए। ब्लाक रिसोर्स दयाराम साहू ने प्रौढ़ शिक्षार्थी के सफलतम व गरिमामय जीवन जीने हेतु जनमानस को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि हमारे व विकास खंड हेतु लक्षित प्रौढ़ शिक्षार्थी को अक्षर व अंक ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है, जो स्वयंसेवी शिक्षक के द्वारा लक्ष्य प्राप्त किया जाना है। प्रशिक्षण के दौरान राज्य स्त्रोत व्यक्तियों ने कार्यक्रम के उद्देश्य को बताते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम योजना के लक्ष्य व उद्देश्य पर परस्पर अंत:क्रिया के माध्यम से बताया गया। उल्लास अंडरस्टैंडिंग लाइफ लांग लर्निंग फ़ॉर आल इन सोसाइटी कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गो के लिए आजीवन सीखने की समझ बनाने के मुख्य उद्देश्य को बताते हुए स्पष्ट किया गया कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले वयस्कों को इस कार्यक्रम के माध्यम से साक्षर करना ताकि वे सशक्त नागरिक बन सकें और समाज के विकास में अपना योगदान दें सकें।

संकुल समन्वयक रामकुमार साहू ने तकनीकी जानकारी, नवसाक्षर प्रश्न-पत्र प्रारूप, वातावरण निर्माण से सम्बंधित गतिविधि आधारित शिक्षण पर चर्चा की। स्त्रोत व्यक्ति गिरीश क्षत्रिय ने उल्लास प्रवेशिका पाठन व टीएलएम के उल्लास में अनुप्रयोग के साथ खिलौना आधारित शिक्षण पद्धति जादुई पिटारा तथा ई जादुई पिटारा के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया। राज्य स्त्रोत व्यक्ति दया राम साहू ने उल्लास कार्यक्रम के क्रियान्वयन, स्वयंसेवी शिक्षकों की भूमिका, व कक्षा प्रबंधन के विषय में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान समन्वयक संकुल केंद्र पठारीकापा एवं गैंजी विनोद जांगड़े, रामकुमार कश्यप एवं चंद्रेश कश्यप के द्वारा महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

प्रशिक्षणार्थियों ने प्रवेशिका आधारित पाठ योजना का निर्माण कर प्रदर्शित किया। मास्टर ट्रेनर दयाराम साहू के उल्लास गीत व उल्लास ताली से प्रशिक्षण के सत्र को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाया। उल्लास एप व इसके प्रयोग की विधि बताई। उक्त प्रशिक्षण में चार संकुल केंद्र सेमरसल, पठारीकापा, गैंजी एवं खेकतरा दादन से 58 स्वयं सेवी शिक्षक को बी आर सी, संकुल प्राचार्य दीपक सिंह ध्रुव, संकुल समन्वयक, सर्वेयर-शिक्षक और की उपस्थिति में सफल प्रशिक्षण देते हुए साक्षरता अभियान की ज़रूरत तथा महत्व के बारे में बताया। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर इच वन टीच वन की थीम पर विकासखंड को शत- प्रतिशत साक्षर बनाने का शपथ लिया गया। सभी प्रशिक्षार्थियों ने बहुत ही उत्साह पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किए।

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