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भोरमदेव कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने किसानों को अजोला की खेती की दी जानकारी

भोरमदेव कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने किसानों को अजोला की खेती की दी जानकारी

कवर्धा। अजोला को कृषि और पशुपालन के लिए अमृत कहा जाता है. दोनों ही जगहों पर इसकी खास उपयोगिता है. यह इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पेड़ पौधों और पशुओं को प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्व मिलते हैं. इसलिए अब इसके उत्पादन पर खासा जोर भी दिया जा रहा है. डेयरी बिजनेस के लिए यह वरदान साबित हो रहा है.

इसी तारतम्य में भोरमदेव कृषि महाविद्यालय के बीएससी (कृषि) चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा राये / रेडी कार्यक्रम के तहत किसानो के समक्ष किया गया अजोला की खेती का प्रदर्शन। जिसमें अजोला की खेती के लिए टैंक के उचित आकार तथा आवश्यक सामाग्री जैसे-गोबर, एसएसपी (SSP), मिट्टी की विस्तृत जानकारी दी गई , तथा धान के खेत में अजोला के नाइट्रोजन स्थिरीकरण के महत्व को बताया गया।साथ ही पशु चारे के रूप अजोला की उपयोगिता बताई गई.

जिसमे कृषक पेखन चन्द्रवंशी, विनोद चन्द्रवंशी चन्द्रशेखर चन्द्रवंशी तथा छात्राएँ संध्या मिश्रा डामेश्वरी साहू, पुंजिका सिंह, अंजली साहू एवं छात्र अमित चन्द्रवंशी, रविकान्त चन्द्रवंशी, आशीष यादव,आशीष चन्द्रवंशी, संदीप ठाकरे सहित अन्य छात्र-छात्राए उपस्थित रहे.

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