राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गंडई नगर में विजयादशमी उत्सव व पथ संचलन का आयोजन हुआ संपन्न ।
AP News आपकी आवाज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
गंडई पंडरिया बुधवार 9अक्टूबर को नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विजयादशमी उत्सव व पथ संचलन का आयोजन किया गया l जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में चंद्रमणि चौबे रहे ,मुख्य वक्ता छ ग प्रांत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जनजातीय कार्य प्रमुख सतीश गोकुल पंडा रहे । पंथ संचलन श्री राम मंदिर पंडरिया गंडई से निकल कर नगर के सभी मुख्य मार्गों से गुजरी जगह जगह हिंदू समाज के लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया पथ संचलन का वार्ड 08 स्थित गुरु घासीदास मैदान में समापन हुआ ।
पहले अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया अतिथि परिचय सामूहिक गीत पश्चात
मुख्य अतिथि ने स्वयंसेवकों को स्वयंसेवक का सही अर्थ बताते हुए कहा कि हमें भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो निस्वार्थ कर्म करने का ज्ञान दिया है उसे अपने जीवन में उतारते हुए हमेशा अपने देश ,धर्म रक्षा हेतु तत्पर रहते हुए कार्य करना चाहिए । वही उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति पर संकट छाया हुआ है उसे स्वयंसेवकों को ही लोगो को जागृत कर दूर करना होगा , उन्होंने शक्ति उपासना , शास्त्र उपासना व शस्त्र उपासना पर बल देते हुए कहा कि हमारे देवता भी संस्कृति रक्षा हेतु शस्त्र धारण करते रहे l
वहीं मुख्य वक्ता सतीश गोकुल पंडा ने कहा कि संघ फोटो से हमेशा दूर रहते हुए हिंदू जागरण के कार्य में लगा हुआ है, विजयादशमी का दिन बहुत बड़ा दिन है यह दिन असत्य पर सत्य के विजय का दिन है,संघ की स्थापना इसी दिन हुआ था जो आज विश्व का सबसे बड़ा हिंदू संगठन है ,इसी दिन शिवाजी ने हिंदुत्व साम्राज्य स्थापना का संकल्प लिया था । RSS किसी को अपना विरोधी नहीं मानता ,बल्कि भले ही कहीं RSS का विरोधी हो , संघ केवल अपनी शक्ति और हिंदू संगठन के लिए है विश्व में अनेक पंथ आए परन्तु भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृति रही है हम सब को अभिमान होना चाहिए कि हिंदू संस्कृति के कारण ही हम विश्व गुरु रहे ,और संगठित होकर हम पुनः भारत को परम् वैभव के शिखर पर पहुंचाएंगे । अतः सभी स्वयंसेवक बंधु इस कार्य हेतु भले ही राम काज में गिलहरी की तरह हो परन्तु अभी से संकल्पित होकर जुट हों जाए इस पथ संचलन में गंडई नगर ,क्षेत्र के साथ ही विभाग, जिला ,खंड के दायित्ववान स्वयंसेवकों के साथ विभिन्न समाज के लोग मातृ शक्ति तथा बड़ी संख्या में स्वयंसेवक सम्मिलित हुए ।