संविधान दिवस पर जिला पंचायत खैरागढ़ छुईखदान गंडई एवं जिला पंचायत संसाधन केंद्र देवरीभाठ में उद्देशिका का सामूहिक वाचन


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी

अभिनव पहल खैरागढ़ : खैरागढ़–छुईखदान–गंडई के सभा कक्ष में संविधान दिवस के अवसर पर गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत के स्थायी समिति के सभापति दिनेश वर्मा ने की।
कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत खैरागढ़–छुईखदान–गंडई के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा संयुक्त रूप से भारतीय संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना) का वाचन किया गया। यह कार्यक्रम जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेम कुमार पटेल के निर्देशानुसार आयोजित किया गया।
संविधान की उद्देशिका के सामूहिक वाचन के माध्यम से सभी उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भारत को संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में बनाए रखने तथा न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुता के आदर्शों को जन–जन तक पहुँचाने का संकल्प दोहराया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं प्रभारी उपसंचालक प्रकाश चंद्र तारम सहित जिला पंचायत के समस्त अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। संविधान दिवस के इस आयोजन के माध्यम से जिला पंचायत परिवार ने यह संदेश दिया कि प्रशासनिक कार्यों, योजनाओं के क्रियान्वयन एवं जनसेवा के प्रत्येक स्तर पर संविधान की भावना और उसके मूल्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
जिला पंचायत संसाधन केंद्र देवरीभाठ में भी हुआ सामूहिक वाचन
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में जिला पंचायत संसाधन केंद्र, देवरीभाठ में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहाँ त्रिस्तरीय पंचायतों के उपसरपंचों के प्रशिक्षण में शामिल जनप्रतिनिधियों तथा एनआरएलएम से जुड़ी महिला स्व सहायता समूह की सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया।
इस अवसर पर प्रभारी परियोजना अधिकारी एवं प्रभारी उपसंचालक प्रकाश चंद्र तारम द्वारा उपस्थित उपसरपंचों एवं महिलाओं को संविधान की मूल भावना, नागरिक कर्तव्यों एवं पंचायत स्तर पर संवैधानिक मूल्यों के क्रियान्वयन के संबंध में संकल्प दिलाया गया।
जिला पंचायत संसाधन केंद्र देवरीभाठ में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि ग्राम स्तर पर भी समानता, न्याय, भाईचारा, महिला सशक्तिकरण, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का संचालन किया जाना चाहिए, तभी संविधान की वास्तविक भावना धरातल पर उतर सकेगी।



