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प्राकृतिक खेती: आने वाली पीढ़ी को संवारने की दिशा में कदम



महली के हाट बाजार में मनाया गया किसान दिवस सप्ताह

कबीरधाम/ पंडरिया ब्लॉक के ग्राम महली में छत्तीसगढ़ एग्रीकॉन समिति और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से किसान दिवस सप्ताह बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस आयोजन में आसपास के ग्रामों के किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और पर्यावरण संरक्षण के महत्व से परिचित कराना था।
जैविक खेती पर “कवीर किसान” समूह का विशेष स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम में “कवीर किसान” समूह द्वारा एक विशेष स्टॉल लगाया गया, जहां किसानों को जैविक खेती और मिट्टी संरक्षण से संबंधित नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गई।


जैविक तरीके से कीट प्रबंधन के लिए यलो स्टीकी ट्रैप, फनल ट्रैप, जैविक खाद में सीवीड जेल (समुद्री शैवाल), वुड विनेगर (लकड़ी का सिरका), ए.डब्ल्यू.डी. (Alternate Wetting and Drying) तकनीक से पानी का संरक्षण और ट्राईकोडर्मा के उपयोग और लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
विशेषज्ञों ने किसानों को किया जागरूक
कृषि विशेषज्ञ सुरेंद्र सोनकर ने किसानों को जैविक खेती की तकनीकों से अवगत कराया उन्होंने बताया कि जैविक तरीके न केवल फसल उत्पादन बढ़ाने में सहायक हैं, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने और कीट प्रबंधन में भी प्रभावी हैं | उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
किसानों ने जताई सकारात्मक प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में उपस्थित किसानों, जैसे गोपाल देवांगन, रोहित साहू और पंच राम ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन उन्हें आधुनिक और प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करते हैं, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। किसानों ने इन तकनीकों को अपनाने का संकल्प लिया।
जिला समन्वयक का संदेश
जिला समन्वयक दीपक बागरी ने कहा, “यह आयोजन किसानों को सिखाने का एक प्रयास है कि वे प्राकृतिक खेती अपनाकर पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं और अगली पीढ़ी के लिए स्वस्थ जीवनशैली सुनिश्चित कर सकते हैं।”
टीम और सरपंच का योगदान
कार्यक्रम में “कवीर किसान” समूह के सदस्य जितेंद्र कश्यप, मुकेश जायसवाल, बोधि राम, मोहन साहू, दामोदर साहू और मुरली पटेल के साथ-साथ टीम के साथी कविता लांझी, ओमप्रकाश भास्कर, नितेश चंदेल, जयपाल चंद्राकर और शिवम सोनी शामिल हुए।
कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश चंद्राकर ने किया और सरपंच प्रतिनिधि रघुराई चंद्राकर ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाने में सहायक होते हैं।
आज के आयोजन ने किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित किया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाने का संदेश दिया।

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