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LNJP पर India TV की रिपोर्ट का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

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Image Source : INDIA TV

नई दिल्ली। अस्पतालों में करोरोना मरीजों को लेकर बदइंतजामी और शवों के अनुचित प्रबंधन की खबरों को इडिया टीवी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को कहा कि इंडिया टीवी पर हमने खौफनाक तस्वीरें देखी हैं। न्यायमूर्ति एमआर शाह ने कहा कि इंसानों की हालत जानवरों से भी ज्यादा बदतर है। सुप्रीम कोर्ट ने LNJP अस्पताल मामले में दिल्ली सरकार से जवाब मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने LNJP अस्पताल को भी नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के असपतालों में हालात बहुत भयानक हैं, शवों को लेकर असपताल संवेदनशील नहीं हैं। कोरोना से मौत को लेकर परिवार को भी जानकारी नहीं दी जा रही है, परिवार के लोग अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पार रहे हैं जो चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मरीजों को लेकर बदइंतजामी के मामले में दिल्ली सरकार के साथ-साथ महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इंडिया टीवी के वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि रोते मरीजों की सुनने वाला कोई नहीं था। वीडियो में मरीज दर्द से रोते हुए दिखाई दिए हैं। दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों की ठीक से देखभाल नहीं हो रही है। कोरोना वायरस की वजह से मृत लोगों को शवों का दिल्ली में जिस तरह से प्रबंधन किया जा रहा है उसपर भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है और दिल्ली सरकार को लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों का कोई पालन नहीं किया जा रहा। मृत लोगों की जानकारी परिवार को नहीं दी जा रही, परिवार के लोग मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार में भाग नहीं ले पा रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में अस्पतालों की दशा दयनीय हो गई है। कोर्ट ने इंडिया टीवी के उन वीडियो का भी हवाला दिया जिसमें रोगी दर्द से चीख रहे हैं और कोई भी उनकी देखभाल करने वाला नहीं था। 

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना वायरस टेस्ट की घटती संख्या पर भी दिल्ली सरकार से सवाल पूछा और कहा कि कैसे टेस्टिंग कम हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। 

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