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किसान जवान सविधान विशाल जनसभा  रायपुर में शामिल हुए:- इंज़ी योगेश्वर चन्द्राकर

किसान जवान सविधान विशाल जनसभा  रायपुर में शामिल हुए:- इंज़ी योगेश्वर चन्द्राकर





टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कवर्धा : रायपुर में 7 जुलाई 2025 को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान पर आयोजित किसान जवान सविधान जनसभा में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव ( संगठन) श्री के सी वेणुगोपाल के नेतृत्व में होने वाली विशाल जनसभा में शामिल होने पंडरिया विधानसभा के स्थानीय कार्यकर्ता एवं कांग्रेस नेता इंज़ी योगेश्वर चन्द्राकर शामिल हुए । स्थानीय नेता कांग्रेस ने कहा कि आज बीजेपी देश में नफ़रत फैलाने का काम कर रही है कांग्रेस पार्टी किसान जवान और संविधान को इसको बचाने के लिए आंदोलन कर रही हैं । भारत कृषि प्रधान देश है और किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़।

लेकिन आज यही रीढ़ विदेशी निर्भरता के कारण झुकती जा रही है।भारत 80% स्पेशियलिटी फर्टिलाइज़र चीन से मंगाता है और अब चीन ने सप्लाई रोक दी है।ये पहली बार नहीं है – यूरिया और DAP जैसे ज़रूरी खादों की कमी से देश भर का किसान अब तक जूझ ही रहा है कि अब स्पेशियलिटी खाद का ‘चीनी संकट’ मंडराने लगा।


उधर प्रधानमंत्री जी खाद की बोरियों पर अपनी तस्वीरें छपवा रहे हैं, इधर किसान ‘Made in China’ पर आश्रित होते जा रहे हैं।ये आपूर्ति कभी भी रुक सकती है, ये पता होने के बावजूद सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। जब घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने की ज़रूरत थी, उन्होंने कोई नीति, कोई योजना नहीं बनाई।
क्या अब किसान अपनी मिट्टी में भी दूसरों का मोहताज रहेगा? कीमती वक्त और अच्छी फसल का नुकसान झेलता, कर्ज़ और हताशा में डूबता किसान पूछ रहा है – “किसका साथ, किसका विकास?


भाजपा का विकास मॉडल ग़रीबों से, खासकर SC, ST और OBC बच्चों से, शिक्षा का अधिकार छीनने वाला मॉडल है।
छत्तीसगढ़ में 10463 से अधिक सरकारी स्कूल बंद किए जा रहे हैं। 2014 से अब तक देशभर में 84,441 सरकारी स्कूल बंद किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश BJP शासित राज्यों – छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश और  में बंद हुए हैं।यह सिर्फ स्कूल बंद करना नहीं है, बल्कि संविधान में दिए गए शिक्षा के अधिकार और UPA सरकार के उस ऐतिहासिक कानून पर सीधा हमला है, जिसने हर गांव के बच्चे को स्कूल तक पहुंचाया और नामांकन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की थी।

बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा। लेकिन आज शिक्षा ही छीनी जा रही है।
स्कूल बंद करने के फैसले के ख़िलाफ़ छात्र और शिक्षक सड़कों पर हैं, मगर सरकार उनकी आवाज़ सुनने के बजाय उन्हें सताने और शिक्षा व्यवस्था को और कमज़ोर करने में जुटी है। जबकि ज़रूरत इसे मजबूत करने और हर बच्चे तक समान, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने की है।

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