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बड़ी ख़बर : लोक निर्माण विभाग की लापरवाही- कार्यालय स्थापना शाखा 1948 का रिकार्ड 2020 में बिक्री किया गया,जन्म तारीख सुधारने व अन्य काम के लिए भटक रहे,जिम्मेदार कौन…

जन्म तिथि सुधारने 6 माह से भटक रहा बुजुर्ग चौकीदार

संतोष दास चौकीदार

लोक निर्माण विभाग का स्टोर चौकीदार की समस्या का नहीं हो रहा समाधान

विभाग के अधिकारी कर्मचारी नहीं दे रहे ध्यान

चौकीदार ने जिला प्रशासन को लोक निर्माण विभाग उप संभाग ज्ञापन सौपंकर उचित कार्रवाई कवर्धा में पदस्थ स्टोर चौकीदार करने की मांग की है.

जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन जन्मतिथि को सुधारने के लिए में स्टोर चौकीदार संतोष दास विभाग के अधिकारी कर्मचारियों मानिकपुरी ने बताया कि 31 अगस्त 1979 को सहायक अभियंता एपी तिवारी के समक्ष अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण कार्यभार लिया था उसी समय विभाग दुर्ग के द्वारा पत्र जारी कर सेवा पुस्तिका भी बनाया गया था समस्या का निराकरण करने का जिसमें मेरा जन्म तिथि 15 मार्च स्पष्ट आदेश दिए जाने के बाद भी 1962 है. नियुक्ति के समय कोई इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा दस्तावेज मांग नहीं किया गया था है. इसके चलते चौकीदार को और अपनी मनमर्जी से जन्मतिथि लगातार विभाग के चक्कर काटने को 1960 लिख दिया गया. पड़ रहे हैं. परेशान बुजुर्ग जबकि इस संबंध में सारे

की सेवा पुस्तिका में अंकित के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जबकि इस संबंध में

दस्तावेज स्कूल के अंकसूची जिसमें जन्मतिथि अंकित है को प्रस्तुत करने के बाद भी विभाग के एसडीओ सुमित कुमार चौरसिया के द्वारा सुधार कार्य के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रथम श्रेणी लिपिक अपने घर में बेगारी काम कराकर शोषण करते थे. 1979 से 1987 तक अपने घर में काम में लिया करता था क्योंकि प्रथम श्रेणी के उपरांत वह भण्डार का स्टोर कीपर भी थे. उनके अंदर में में स्टोर चौकीदार था. निरंतर सेवा को देखते हुए विभाग द्वार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी मानने लगे इसलिए मेरी नियुक्ति एक ही पद पर दो बार किया गया. यह भी लापरवाही की श्रेणी में आता है. वर्ष 1988 से लेकर 2009 तक 21 वर्षों तक नियमितीकरण के नाम पर कार्यपालन अभियंता से लेकर प्रमुख अभियंता तक भटकना पड़ा तब कहीं जाकर नियमितीकरण हुआ.

सुधार कार्य के लिए काट रहा चक्कर

स्टोर चौकीदार संतोष दास मानिकपुरी ने बताया कि सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि गलत लिखे जाने की जानकारी मिलने पर सुधार कार्य के लिए विगत 6 वर्षों से विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कार्यपालन अभियंता व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है जिसके कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जन्मतिथि सुधार आवेदन जब वर्ष 2016 में दिया गया था तो उसके जवाब में वर्ष 2019 में कहा गया कि उनका रिकार्ड नहीं है. ऐसे में विभागीय लापरवाही उजागर होती है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एएसडीओ सुनील कुमार चौरसिया के द्वारा कार्यालय स्थापना 1948 का रिकार्ड 2020 में बिक्री किया गया. जिसका पुख्ता प्रमाण है.

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